साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने बताया, करीब 26 वर्षीय रोहित वेमुला का शव हॉस्टल के कमरे में फांसी से लटका मिला। पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) द्वारा निलंबित किए गए पांच शोधकर्ताओं में से वह एक था।
अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन से जुड़े इन दलित छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता पर कथित हमले के मामले में हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया था। यहां तक कि विश्वविद्याालय की सार्वजनिक जगहों हॉस्टल, मैस, प्रशासनिक भवन और कॉमन एरिया में इनका प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। दलित छात्रों के इस 'बहिष्कार' के खिलाफ कई छात्र संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय में काफी दिनों से विवाद चल रहा था। रोहित समेत पांचों छात्र अपने निष्कासन के खिलाफ कई दिनों से कैंपस में खुले आसमान के नीचे सो रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को एक तरफ जहां दलित छात्रों के समर्थन में कई छात्र संगठनों का धरना चल रहा था, रोहित चुपके से यूनिवर्सिटी के एनआरएस हॉस्टल गए और खुद को एक कमरे में बंद कर खुदकुशी कर ली। बताया जाता है कि इससे पहले रोहित की विरोधी गुट के छात्रों के साथ तीखी बहस हुई थी। पुलिस के मुताबिक, रोहित के पास से पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
रोहित की खुदकुशी के लिए अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, कैंपस में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई। रोहित की मौत से आक्रोशित कई छात्र संगठनों ने उसके शव को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ एससी-एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग की। अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का आरोप है कि बंगारू दत्तात्रेय ने ही इन दलित शोधार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था।
छात्र संगठनों ने किया बंद का आह्वान
दलित छात्र की खुदकुशी के खिलाफ एसएफआई, डीएसयू, एआईएसएफ समेत कई छात्र संगठनों ने राज्य व्यापी बंद का आह्वान किया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता का नाम आने से दलित छात्र की ख़ुदकुशी का मुद्दा और ज्यादा गरमा सकता है।