Advertisement
20 August 2019

नहीं रहे खय्याम; ‘कभी कभी’ से लेकर ‘उमराव जान’ तक धड़कती रहेगी उनकी प्यारी धुन

हिंदी फिल्मों में संगीत के सशक्त हस्ताक्षर बन चुके जाने माने संगीतकार खय्याम अब इस दुनिया में नही रहे लेकिन उनकी बनाई धुन आज भी लोगों के दिल-ओ-दिमाग में मिठास घोल रही है। ‘कभी कभी’ और ‘उमराव जान’ जैसी फिल्मों को अपने सदाबहार संगीत से सजाने वाले खय्याम 92 वर्ष के थे। खय्याम का नाम आते ही उमराव जान से लेकर ‘त्रिशूल’, ‘नूरी’ और ‘शोला और शबनम’ जैसी कई फिल्मों के गाने और संगीत याद आने लगते हैं।

महज 17 साल की उम्र में शुरू हुआ था संगीत का सफर

खय्याम का जन्म 18 फरवरी, 1927 को पंजाब में हुआ था। खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर हाशमी है। उन्होंने संगीत की दुनिया में अपना सफर 17 साल की उम्र में लुधियाना से शुरू किया था। उन्हें अपने करियर में 'उमराव जान' से अलग ही पहचान मिली, जिसके गाने आज भी बॉलीवुड में और लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

Advertisement

फुटपाथ से लेकर यात्रा तक...

साल 1953 में फुटपाथ फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत के बाद खय्याम साहब को प्रसिद्धी मिलनी शुरू हुई।

आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान जैसी फिल्मों की धुनों ने उन्हें बेहद लोकप्रिय बना दिया। साल 2007 में आई फिल्म यात्रा में भी खय्याम साहब का संगीत था। फिल्म में रेखा और नाना पाटेकर लीड रोल में थे।

कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित

उनकी रूहानी धुनों की वजह से उन्हें कई सारे अवॉर्ड भी मिले हैं। उन्हें साल 2007 में संगीत नाटक आकादमी अवॉर्ड और साल 2011 में पद्म भूषण जैसे सम्मानों से नवाजा गया।

कभी-कभी और उमराव जान के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड और उमराव जान के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला।

धुन आज भी जिंदा है...

खय्याम ने अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी कभी के लिए संगीत निर्देशन किया था। इस फिल्म को तीन फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले थे। बेस्ट लिरिक्स, बेस्ट म्यूजिक, बेस्ट प्लेबैक सिंगर के लिए। यश चोपड़ा की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए', तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती, नजारे हम क्या देखें, मेरे घर आई एक नन्हीं परी, जैसे गानों की धुन ने काफी शोहरत बटोरी थी।

अभिनेत्री रेखा की उमराव जान में खय्याम ने संगीत दिया था। कहा जाता है कि खय्याम फिल्म के निर्देशक की पहली पसंद नहीं थे लेकिन निर्देशक और ओरिजनल म्यूजिक डायरेक्टर के बीच आपसी मतभेद के बाद खय्याम को इस मूवी के लिए चुना गया था और ‘इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं’ की धुन में लोग आज भी झूमने लगते हैं।

साल 1981 में खय्याम की तीन एल्बम हिट हुई थी। ''कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता'' की धुन उनके सबसे बेहतरीन संगीत में से एक है।

थोड़ी सी बेवफाई इकलौती ऐसी मूवी है जिसमें खय्याम ने गुलजार संग काम किया था। दोनों के काम को खूब पसंद किया गया। "आंखों में हमने आपके सपने", "हजार राहें मुड़ के देखीं", "मौसम मौसम लवली मौसम", "आज बिछड़े हैं", "बरसे फुहार, कांच की बूंदें" की धुन ने फिल्म में चार चांद लगा दी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Khayyam, Kabhi Kabhi, Umrao Jaan, music, sweet tune, continue to beat, खय्याम की कहानी, कौन थे खय्याम, संगीत, उमराव जान
OUTLOOK 20 August, 2019
Advertisement