Advertisement
16 January 2016

महिला नेतृत्व मनवाएगा लोहाः सुप्रिया सुले

सुप्रिया सुले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकपा) की सांसद हैं। महाराष्ट्र और केंद्र की राजनीति के कद्दावर नेता शरद पवार की बेटी हैं। संसद के भीतर वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का हर संभव प्रयास करती है। एक बिंदास-बेखौफ और मिलनसार महिला नेता के तौर पर विभिन्न दलों में उन्हें सम्मान के साथ देखा जाता है। पार्टी के भीतर उन्हें भविष्य में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर भी देखा जाता है। हालांकि वह ऐसे कोई इच्छा से इंकार करती हैं। आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह से हुई उनकी बातचीत के अंश 

2016 को लेकर क्‍या राजनीतिक लक्ष्य हैं?

मेरी इच्छा है  इस साल महिला आरक्षण बिल पारित हो जाए। ज्यादा से ज्यादा संख्‍या में महिलाओं को संसद, विधानसभा में आना चाहिए। महिला नेतृत्व की हर क्षेत्र में तूती बोलनी चाहिए। महिला नेतृत्व सिर्फ राजनीति में ही नहीं, सामाजिक क्षेत्र में, आर्थिक जगत में और घर-परिवार हर जगह महत्वपूर्ण है।

Advertisement

आप अपने को क्या महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार के तौर पर या केंद्र में बड़ी भूमिका में देखती हैं ?

मैं एक सांसद हूं और इस भूमिका से बेहद संतुष्ट हूं। संसद में मेरी उपस्थिति 93 फीसदी रहती है। महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री के रूप में तो खुद को देखने का सवाल ही नहीं। वैसे भी मैं केंद्र की राजनीति में ही अभी तक सक्रिय रही हूं। वैसे राजनीति में समय से पहले किसी भी चीज के बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं।  

वर्ष 2016 राष्ट्रीय राजनीति में महिला नेतृत्व के लिए बहुत अहम रहने वाला है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडु में जयाललिता और उत्तर प्रदेश में मायावती का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। आप कैसे उनका नेतृत्व देखती हैं? 

मैं इन सबका बेहद सम्‍मान करती हूं। बहुत विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने अपने लिए जगह बनाई है। उनकी हिम्‍मत को मैं सलाम करती हूं। एक बात तय है कि महिलाओं को नेतृत्व की कमान संभालने में पितृसत्ता से भिड़ना पड़ता है। जैसे स्कूल या कॉलेज जाने वाली लड़की को अश्लील फब्तियां कसने वालों से, छेड़खानी करने वालों से भिड़ना पड़ता है। लेकिन एक बार जब वे नेता हो जाती हैं, तो फिर उन्हें जेंडर के दायरे में सीमित करके नहीं देखा जाना चाहिए। वे फिर सबकी नेता होती है, सिर्फ औरतों की ही नहीं। यह समझना बेहद जरूरी है। 

कैसा रहेगा महिलाओं के लिए यह साल?

महिलाओं के बढ़े हुए कदम को कोई पीछे नहीं ढकेल सकता है। ये साल भी हर क्षेत्र में महिलाओं के बोलबाले के नाम रहेगा। मैं भी इस साल दो काम को अंजाम दूंगी-मराठवाड़ा में किसानों की विधवाओं के लिए दक्षता विकसित करने का कार्यक्रम शुरू करना चाहती हूं। इसके लिए 25 महिलाओं का पहला समूह तैयार है। और दूसरा अपने संगठन में काम करने वाली महिलाओं का सशक्तीकरण कार्य़क्रम चलाना है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: सुप्रिया सुले, एनसीपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, Supriya Sule, NCP, Nationalist Congress Party, Sharad Pawar, शरद पवार
OUTLOOK 16 January, 2016
Advertisement