Advertisement
10 August 2022

एक अकेला नेता देश की सभी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता: भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि एक नेता इस देश के सामने सभी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता और एक संगठन या पार्टी परिवर्तन नहीं ला सकती। 


यह विचार संघ की विचारधारा के आधार पर था, उन्होंने कहा कि देश को आजादी तभी मिली जब आम लोग सड़क पर उतरे। भागवत नागपुर में मराठी साहित्य की संस्था विदर्भ साहित्य संघ के शताब्दी कार्यक्रम में बोल रहे थे।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "संघ की विचारधारा के आधार पर एक बात यह है कि एक अकेला नेता इस देश के सामने सभी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। वह ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता। नेता कितना भी बड़ा हो।"

Advertisement

उन्होंने कहा, "एक संगठन, एक पार्टी, एक नेता परिवर्तन नहीं ला सकते। वे इसे लाने में मदद करते हैं। परिवर्तन तब होता है जब आम आदमी इसके लिए खड़ा होता है।"

भागवत ने कहा, भारत का स्वतंत्रता संग्राम 1857 में बहुत पहले शुरू हुआ था, लेकिन यह तभी सफल हुआ जब व्यापक जागरूकता और "आम आदमी सड़क पर उतरे।"


उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी, लेकिन मुख्य बात यह थी कि लोगों ने साहस हासिल किया।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हर कोई जेल नहीं गया, कुछ लोग दूर रहे, लेकिन एक व्यापक भावना थी कि देश को स्वतंत्र होना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि आरएसएस चाहता है कि हिंदू समाज अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो जाए।

भागवत ने कहा, "सब कुछ समाज में बदलाव से होता है और आरएसएस समाज को संगठित कर रहा है।"
लोगों को देश की दशा सुधारने का "ठेका" दूसरों को नहीं देना चाहिए बल्कि स्वयं जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

भागवत ने कहा, "ये ठेका संघ को भी मत देना। अपना काम खुद करो...लोगों को यह सीखना होगा।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Rashtriya Swayamsevak Sangh, RSS, Mohan Bhagwat
OUTLOOK 10 August, 2022
Advertisement