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24 June 2021

8 के फेर में फंसे कैप्टन, सोनिया अगले महीने ले सकती हैं बड़ा फैसला

file photo

कांग्रेस हाईकमान से मिले बगैर बुधवार की रात दिल्ली से चंडीगढ़ बैरंग लौटे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कैप्टन से मिलने से इंकार करने वाली कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सार्वजनिक रुप से कैप्टन को सख्त निर्देेश दिए हैं कि सरकार के बाकी बचे 8 महीनों में वह चुनावी वादे पूरे करें। ऐसे में कैप्टन के समक्ष इतने कम समय में चुनावी वादे पूरे करना एक कड़ी चुनौती है। कैप्टन को उम्मीद थी कि बुधवार को सोनिया या राहुल गांधी उन्हें मुलाकात का समय देंगे। पर सोनिया गांधी ने कैप्टन को समय नहीं दिया जब राहुल गांधी पंजाब के कई कांग्रेसी नेताओं से मिले पर कैप्टन को वक्त नहीं मिला।

कांग्रेसी विधायकों व सांसदों से मिले फीडबैक के आधार पर कांग्रेस हाईकमान कैप्टन से इसलिए नाराज है कि साढ़े चार साल के कार्यकाल में कैप्टन सरकार अपने चुनावी वादे पूरे करने में पिछले रही है। खासकर धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में आरोपियों को सजा दिलाने और ड्रग्स के सफाए में कैप्टन सरकार की नाकामी विपक्ष से ज्यादा पंजाब के कांग्रेसियों काे खल रही है। हाईकमान द्वारा गठित मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय वरिष्ठ नेताओं की समिति के समक्ष पिछले तीन दिन से चली बैठकों के दूसरे दौर में भी विधायकों व सांसदों ने यही मुद्दा उठाया कि चुनावी वादे न पूरे करने की सूरत में वे 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पंजाब की जनता के समक्ष किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे। हालांकि कैप्टन ने सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर 18 मार्च को चंडीगढ़ के एक फाइव स्टार होटल में की एक प्रेेस कांफ्रेस में सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह ने दावा किया था कि उनकी सरकार ने इन चार सालों में अपने चुनावी वादों में से 85 फीसदी वादे पूरे कर दिए हैं।

इधर कैप्टन से नाराज कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पार्टी के 18 प्रमुख चुनावी वादों को समय सीमा के भीतर लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पंजाब पर पार्टी की तीन सदस्यीय कमेटी ने कहा कि वह कैप्टन के घोर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाएगी। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने यह भी संकेत दिया कि वह सिद्धू की कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी से खुश नहीं है। कैप्टन अमरिदंर ने भी कमेटी के समक्ष इस मसले को रखा है। कैप्टन ने कमेटी से कहा था कि उसे सिद्धू पर लगाम लगानी होगी क्योंकि उनके बयानों से पार्टी और राज्य के आगामी चुनावों पर असर पड़ सकता है। खड़गे कमेटी मंगलवार को कैप्टन अमरिदंर सिंह के साथ विस्तृत चर्चा करने के एक दिन बाद, बुधवार को हाईकमान ने कैप्टन के लिए 2017 के वादों को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की है। इन वादों में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी मामले में कार्रवाई,ड्रग रैकेट, रेत और परिवहन माफिया पर नकेल,शहरी परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, "दोषपूर्ण" बिजली खरीद समझौतों को खत्म करना, अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और दलितों की ऋण माफी प्रमुख हैं। हाईकमान की ओर से कैप्टन को कहा गया है कि वे अपने चुनावी वादों की वस्तुस्थिति से पंजाब की जनता को अवगत कराने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की श्रृंखला आयोजित करें।

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कांग्रेस सूत्रों मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ खड़गे पैनल की चर्चा वादों के कार्यान्वयन पर केंद्रित थी। इस पर कैप्टन ने पहले ही पंजाब में अपनी टीम को 18 सूत्री कार्यक्रम पर काम शुरू करने के लिए कह दिया है। जल्द की संबंधित विभागों के अफसरों की बैठक बुला कैप्टन एक तय सीमा में सभी चुनावी वादे पूरे करने के निर्देश जारी करेंगे।

उधर बुधवार को राहुल गांधी ने पंजाब प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, सांसद मनीष तिवारी, राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा, राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और पार्टी विधायक इंद्रबीर बुलारिया से मुलाकात की। पिछले तीन दिनों में पंजाब के लगभग 20 नेताओं से मुलाकात करने वाले राहुल ने कैप्टन से दूरी बनाए रखी। राहुल से मुलाकात के बाद जाखड़ ने कहा, “आलाकमान संकट को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही पूरी पार्टी एकजुट होकर लड़ेगी और संकट खत्म हो जाएगा”। पिछले 48 घंटों में गांधी से मिले पार्टी के एक नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना मन बना लिया है। उसने अभी मुझे सुना। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना मन बना लिया है कि क्या किया जाना चाहिए। रावत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में पंजाब से जुड़े अहम फैसले लेने की उम्मीद है. हालांकि ताजा घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस अभी तक बंटी हुई नजर आ रही है।

कैप्टन अमरिंदर िसंह के एक करीबी नेता ने कहा, “कमेटी और आलाकमान कैप्टन से एक स्कूली बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्हें ऐसे निर्देश दिए जा रहे हैं जैसे एक गैर जिम्मेदार बच्चे को स्कूल का कार्य करने के लिए कहा जाता है। मुझे नहीं पता कि आलाकमान क्या करने की कोशिश कर रहा है। वे मुख्यमंत्री को अपमानित कर रहे हैं, और अनावश्यक रूप से मामलों को उलझा रहे हैं”। मुख्यमंत्री के आलोचकों में से एक ने कहा कि आलाकमान ने पहली बार खुद को कैप्टन के खिलाफ मुखर किया है।

इस बीच प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि जहां 95 प्रतिशत घोषणा पत्र वादों को लागू किया जा चुका है, वहीं कुछ पर "काम प्रगति पर है"। रावत ने कहा, कैप्टन ड्रग्स और बेअदबी मामलों की खुद बारीकी से जांच करेंगे। उन्होंने वादा किया है कि वह निजी ताप संयंत्रों के साथ कुछ समझौतों को खत्म कर देंगे। सिंह को दी गई समय सीमा पर, रावत ने कहा: "उन्होंने हमसे कहा कि वह कानूनी रूप से मामलों की जांच करवाएंगे और हमारे पास वापस आएंगे।" रावत ने यह भी कहा कि सिद्धू द्वारा उठाए गए "मुद्दों" पर हाईकमान ने ध्यान दिया है। जबकि सिद्धू ने कहा था कि जब वह सरकार या पार्टी में कोई पद नहीं मांग रहे हैं, तो उन्हें चुनाव जीतने के लिए "शोपीस" के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

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TAGS: कांग्रेस हाईकमान, कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सोनिया अमरिंदर की मुलाकात, Congress High Command, Capt Amarinder Singh, Punjab Chief Minister, Sonia Gandhi, Rahul Gandhi, Sonia Amarinder meet
OUTLOOK 24 June, 2021
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