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27 August 2021

झारखंड में असीम संभावनाएं: हेमंत सोरेन

झारखण्ड अपने कोयले से देश को रोशन करता आया है। इसके साथ- साथ अन्य क्षेत्रों में भी झारखण्ड अपनी असीम संभावनाओं और कुशल तथा मेहनतकश युवाओं की बदौलत नई ऊँचाईयों को हासिल करने के लक्ष्य के साथ आज राज्य अपनी औद्योगिक नीति लेकर आ रहा है। बीते वर्ष 6 मार्च 2020 को स्टेकहोल्डर्स मीट का आयोजन कर हमने उद्योग जगत के साथियों से उनकी राय जानने की कोशिश की थी, ताकि उनकी सुविधा के अनुरूप उद्योग नीति का निर्माण किया जा सके। यह सुखद अवसर है, जब हम झारखण्ड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 लांच कर रहें हैं। यह कार्य पहले हो जाता, लेकिन अचानक आई कोरोना की दूसरी लहर ने प्रथमिकता को बदल दिया। उस कठीन दौर में राज्यवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण थी। अब धीरे-धीरे हम महामारी से जूझते हुए आगे बढ़ रहें हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद झारखण्ड का प्रबंधन जनसहभागिता और फ्रंट लाइन वर्कर के जरिये बेहतर हुआ, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बना। झारखण्ड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को माध्यम बनाकर हम उद्योगों के पूरे नेटवर्क को नार्थईस्ट से लेकर दक्षिण, उत्तर और पश्चिमी भारत तक व्यापार को गति दे सकते हैं।

झारखण्ड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत वस्त्र निर्माण, ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स एवं ई-वाहन, एग्रो-फूड एवं मीट प्रसंस्करण, फार्मा पार्क और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन एवं निर्माण को फोकस सेक्टर में रखा गया है। जबकि पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, अक्षय उर्जा, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान, इनक्यूबेशन सेण्टर और ब्रिउरी एवं डिस्टलरी यूनिट में निवेश को प्राथमिकता दिया जा रहा है। नई नीति से निवेश लाने और रोजगार सृजन और का लक्ष्य रखा गया है। अनुदान नीति में बदलाव किया गया है। ऐसे कई बदलाव हुए हैं, जो उद्योग और निवेशकों के लिए पूर्व में अड़चन बन रहे थे। नीति में नए उद्यमियों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने के लिए भी प्रावधान किया गया है। नीति को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बनाया गया है। राज्य में निवेश को आसान बनाने के लिए झारखण्ड निवेश प्रोत्साहन बोर्ड, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया, ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया, थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन, स्व-प्रमाणन, समय पर स्वीकृति, ऑनलाइन जानकारी की उपलब्धता और अनुमोदन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जैसी पहल की गई है।

राज्य में विगत वर्षों में खनिज आधारित क्षेत्र में अधिक बल दिया गया। इससे अतिरिक्त भी विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने रांची के चान्हो में फार्मा पार्क के आधारभूत संरचना निर्माण हेतु पहल कर दी है। फोकस सेक्टर और प्रायोरिटी सेक्टर को लक्ष्य के केंद्र में रखते हुए जमशेदपुर के निकट स्थित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में पूर्वी भारत का संभवतः सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में उत्पादन कार्य शुरू हो चुका है। यहाँ अत्याधुनिक सुविधाओं और नई इकाईयों की स्थापना के लिए विकसित भूखंड उपलब्ध कराया जा रहा है। आदित्यपुर में ही ऑटो कॉम्पोनेन्ट निर्माताओं की सुविधा के लिए परिक्षण केंद्र, डिज़ाइन लैब, टूल रूम जैसी सामान्य सुविधाओं के विस्तार के लिए ऑटो क्लस्टर शुरू किया गया है।

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तसर का सबसे बड़ा उत्पादक झारखण्ड है। लेकिन भागलपुर को सिल्क के लिए जाना जाता है। लाह उत्पादन में भी हम आगे हैं। इन उत्पादों का वैल्यू एडिशन हम नहीं कर पायें हैं। मुझे इसमें बदलाव लाना है। झारखण्ड को प्रोसेसिंग हब बनाना हमारी कोशिश में से एक है। एग्रो फूड और मांस प्रसंस्करण इकाई स्थापना के लिए नीति के तहत प्रावधान, प्रोत्साहन और अनुदान को शामिल किया गया है। झारखण्ड में इमली और महुवा समेत अन्य वनोपज की उपलब्धता है। वनोपज को बढ़ावा देने के लिए फेडरेशन का गठन किया गया है। इससे वनोपज के लिए संस्थागत रूप से मार्केटिंग हो सकेगा। संताल परगना के दुमका को सिल्क सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। पहली बार जमशेदपुर के निकट स्थित कुचाई में रेशम की साड़ियों का निर्माण शुरू हुआ है। झारखण्ड में वे सभी आवश्यक एवं मूलभूत सुविधायें मौजूद हैं, जो एक उद्योग की स्थापना के लिये जरुरी होती हैं। झारखण्ड में किसी भी चीज की कमी नहीं है। निवेश को बढ़ावा देकर हम राज्य में मौजूद संसाधनों का वैल्यू एडीशन कर सकेंगे, जिससे झारखण्ड देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

झारखण्ड में प्राकृतिक सुंदरता भी है। नीति के अंतर्गत पर्यटन को भी शामिल किया गया है। राज्य पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में तमाम संभावनाओं पर काम किया जा रहा है। उद्योग नीति में इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटन नीति भी जल्द लागू होने वाली है। राज्य में उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से मैं नये-नये क्षेत्र में काम करने पर ज्यादा फोकस करता हूं। झारखण्ड में आवागमन के बेहतर साधन यथा सड़क, रेल और वायुमार्ग विकसित हैं। राज्य में जलमार्ग भी सुगम है। बंगाल के हल्दिया पोर्ट का जुड़ाव झारखण्ड के साहेबगंज से है।

अंत में मैं कहना चाहूँगा कि हमारी यह नीति उद्योग जगत के साथियों का भरोसा है। राज्यवासी आपका झारखण्ड में अभिनन्दन करते हैं। असीम संभावनाओं से परिपूर्ण झारखण्ड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। मैं भरोसा दिलाता हूं। निवेशक झारखण्ड आयें और उद्योगों की स्थापना करें। हम साथ खड़े होकर उद्योगों की स्थापना करने में आपकी मदद करते हुए विकास यात्रा तय करेंगे।

 

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TAGS: झारखंड, झारखंड के मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा, Jharkhand, Chief Minister of Jharkhand, Hemant Soren, Jharkhand Mukti Morcha
OUTLOOK 27 August, 2021
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