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22 March 2018

चना के निर्यात पर 7 फीसदी इनसेंटिव देगी सरकार, फिर भी निर्यात की उम्मीद कम

आर एस राणा

चना की कीमतों में घरेलू बाजार में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार हर हथकंडा अपना रही है, लेकिन भाव सुधरने बजाए घटते जा रहे है। चना के निर्यात पर अब केंद्र सरकार ने 7 फीसदी इनसेंटिव देने की घोषणा की है लेकिन विश्व बाजार में चना के भाव काफी नीचे है इसलिए 7 फीसदी इनसेंटिव के बावजूद भी चना निर्यात होने की उम्मीद नहीं है। 

चालू रबी में चना के रिकार्ड 111 लाख टन उत्पादन अनुमान से जहा किसान हलकान हो रहे हैं, वहीं भाव में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार प्रयास तो कर रही है लेकिन भाव सुधर नहीं पा रहे हैं। सरकार ने तीन मार्च को ही चना के आयात पर शुल्क को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी किया था। इससे चना के आयात पड़ते नहीं लगने से आयात सौदे तो नहीं हो रहे हैं, लेकिन उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों को चना एमएसपी से 1,000 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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इनसेंटिव के बावजूद भी निर्यात की संभावना कम

शाक्मभरी खाद्य भंडार के प्रोपराइटर राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना के भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं, जबकि मंडी खर्च मिलाकर इसका भाव 3,400 से 3,450 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है। उत्पादक राज्यों से बंदरगाह पहुंच परिवहन और अन्य खर्च 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल को जोड़ दे तो चना का भाव 3,650 से 3,750 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा। चना निर्यात पर 7 फीसदी इनसेंटिव से 280 रुपये कम हो जायेंगे तो भी आस्ट्रेलियाई चना के भाव 500 से 510 डॉलर प्रति टन है, भारतीय रुपये में इसका भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल होगा। अत: विश्व बाजार में चना की कीमतें नीचे है इसलिए 7 फीसदी इनसेंटिव के बाद भी निर्यात होने की संभावना नहीं के बराबर है।

एक महीने में दो बार बढ़ाया आयात शुल्क

केंद्र सरकार ने दिसंबर में चना के आयात पर 30 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था, लेकिन घरेलू बाजार में इससे इसकी कीमतों में सुधार नहीं आया। अत: बंपर उत्पादन को देखते हुए फरवरी के शुरु में केंद्र सरकार ने चना के आयात पर शुल्क को 30 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया। इसके बावजूद भी भाव में सुधार नहीं आया, जिससे 3 मार्च को आयात शुल्क को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया।

एमएसपी से काफी नीचे हैं भाव

प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसानों को 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चना की बिकवाली करनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2018-19 के लिए चना मा न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है।

नई फसल की आवक आगे और बढ़ेगी

कर्नाटका के साथ ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चना की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है जबकि आगामी दिनों में मध्य प्रदेश में नई फसल की आवकों का दबाव बनेगा, साथ ही राजस्थान में नई फसल की आवक बढ़ जायेगी।

रिकार्ड उत्पादन का अनुमान

कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चना का रिकार्ड 111 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2016-17 में इसका उत्पादन 93.8 लाख टन का ही हुआ था।

बुवाई में भारी बढ़ोतरी

चालू रबी में चना की बुवाई बढ़कर 107.62 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 99.53 लाख हैक्टेयर में हुई थी।

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TAGS: govermnet will give, 7 percent indentives, export of gram, still less hope of export, चना निर्यात, 7 फीसदी इनसेंटिव
OUTLOOK 22 March, 2018
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