नए प्रयोगों से खेती—किसानी को फायदेमंद बनाने वालों को आउटलुक एग्रीकल्चर इनोवेशन अवॉर्ड
अपने—अपने क्षेत्र में नया इनोवेशन करने वाले किसानों, महिला उद्यमी तथा कृषि वैज्ञानिक सहित कुल 9 भागीदारों को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह आउटलुक एग्रीकल्चर इनोवेशन अवॉर्ड्स देकर सम्मानित करेंगे। जिसका आयोजन 23 जनवरी को सिम्पोजियम हाल, नेशनल एग्रीकल्चर साइंस सेंटर (एनएएससी) कॉम्प्लेक्स, आईसीएआर में किया जायेगा। आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड इनोवेशन अवार्ड्स एक पहल है जिसमें किसानों की आय बढ़ाने के लिए सहकारिता, बेहतर मार्कैटिंग, फार्म मैकेनाइजेशन और फसल सुरक्षा जैसे मसलों पर चर्चा होगी।
टैपिंग कोआॅपरेटिव सेक्टर फॉर डब्लिंग फार्मर्स इन्कम के पैनल डिस्क्शन में भारत सरकार के कृषि सचिव एस के पटनायक, डॉ टी हक, चैयनमैन (स्पेशल सेल आॅन लैंड पॉलिसी) नीति आयोग, आर एस सोढ़ी, मैनेजिंग डायरेक्टर, अमूल, डॉ डी एन ठाकुर, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, एनसीडीसी और राजीव रेलन, सीनियर वीपी, सेल्स एंड मार्केटिंग , स्वराज डिविजन होंगे।
सस्टेनेबल फार्म मैकेनाइजेशन फार इनक्रीजिंग फार्मर्स इन्कम के पैनेल डिस्कशन में डॉ त्रिलोचन महापात्र, डारेक्टर जनरल, आसीएआर, सेक्रेटरी, डीएआरई के अलावा डॉ बी एस सिद्वृ, कमिश्नर एग्रीकल्चर, पंजाब तथा डॉ पी के जोशी, डायरेक्टर साउथ एशिया, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईएफपीआरआई) होंगे।
इमर्पोटेन्स आॅफ क्रॉप प्रोटेक्शन एंड पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के पैनेल डिस्कशन में डॉ अशोक दलवई, चीफ एक्जिक्यूटिव आॅफिसर, नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी (एनआरएए), श्री आर डी श्रॉफ, एक्ज्क्यिूटिव चेयरमैन, यूपीएल के अलावा अतुल चतुर्वेदी, सीईओ, अडानी एग्रीफ्रैश लिमिटेड तथा डॉ ए के सिंह, डीडीजी हॉर्टिकल्चर, आईसीएआर होंगे।
अवार्ड ज्युरी में प्रो. रमेश चंद (ज्युरी चेयरमैन) सदस्य नीति आयोग (कृषि) सदस्य फाइनेंस कमीशन के अलावा डॉ त्रिलोचन महापात्र, डारेक्टर जनरल, आसीएआर, सेक्रेटरी, डीएआरई तथा आर एस सोढ़ी, मैनेजिंग डायरेक्टर, अमूल और विजय सरदाना, सदस्य, कमोडिटी डेरिवेट्विस एडवायजरी कमेटी, सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया, सेबी के साथ ही हरवरी सिंह संपादक आउटलुक ने भाग लिया। देशभर से 250 से ज्यादा किसानों ने इनोवेशन अवॉर्ड्स के लिए आवेदन किया है जिसमें से 9 भागीदारों का अपने—अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठता की योग्यता के आधार पर चयन किया गया है।
लगभग डेढ़ दशक की यात्रा में आउटलुक ने जमीनी रिपोटिंग और गहन विश्लेषण के जरिए पाठकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है, हाशिये पर रह जाने वाले मुद्दों और सवालों को प्राथमिकता दी है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए अब आउटलुक ग्रुप एग्रीकल्चर पोर्टल शुरु कर करने जा रहा है, इसमें फसलों के उत्पादन की स्थिति, आयात, निर्यात, मौसम, पालिसी, वैज्ञानिक सलाह, सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों को दी जायेगी। पूरी तरह से किसानों को सर्मित यह अपनी तरह का पहला पोर्टल होगा।
किसानों के जीवन में बदलाव साफ दिख रहा है, आज का किसान खेतों में नई तकनीक से खेती को लाभप्रद तो बना ही रहा है, साथ ही इंटरनेट का उपयोग कर सरकारी योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त कर रहा है। इसका एक उदाहरण एग्रीकल्चर इनोवेशन अवॉर्डस को लेकर देशभर के प्रगतिशील किसानों की भागीदारी के रुप में दिख रहा है।
देश के लगभग हर राज्य से किसानों के नवाचार सामने आए हैं, इससे पता चलता है कि उनमें बेहतर करने और आगे बढ़ने की ललक साफ दिख रही है। आउटलुक और आईसीएआर ने मिलकर नया इनोवेशन करने वाले किसानों, समूहों और वैज्ञानिकों की पहचान की है।
यह आयोजन खेती, किसानी में नई सोच, समझ, ज्ञान और तकनीक के महत्व को समर्पित है। जिसके तहत देशभर से नया इनोवेशन करने वाले किसानों को सम्मानित किया जा रहा है। ऐसे किसानों जिन्होंने अपने नए इनोविशन, समझ, हुनर और सूझबूझ से खेती को फायदे का सौदा बनाकर दिखाया। ये किसान खुद तो उन्न तकीक अपनाकर तरक्की कर ही रहे हैं, साथ ही दूसरों के लिए भी मिसाल बन रहे है।
आउटलुक ग्रुप ने अपनी पत्रकारिता और जनता से जुड़े सरोकारों के जरिए एक अलग पहचान बनाई है। हिंदी में आउटलुक का प्रकाशन भी इन्हीं सरोकारों का नतीजा था। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए पहली बार आउटलुक एग्रीकल्चर कॉन्कलेव एंड इनोवेशन अवॉर्ड्स का आयोजन कर रहा है। इसका मकसद किसान की तरक्की, बेहतर आमदनी का रास्ता खोलने वाली नई तकनीक और नए इनोवशन को जानना, समझना और पहचान दिलाना है।