गुजरात ने सूखा राहत के लिए केंद्र से मांगे 1,725 करोड़ रुपये
गुजरात सरकार ने केंद्र से सूखा राहत कार्यों से निपटने के लिए 1,725 करोड़ रुपये की मांग की है। मानसूनी सीजन में राज्य के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार राज्य के राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि हमने सूखा राहत राशि की मांग केंद्रीय टीम द्वारा सूखा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद की है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय टीम पिछले तीन दिनों से सूखा से प्रभावित क्षेत्र की स्थिति का जायजा ले रही थी।
उन्होंने बताया कि केंद्र की 9 सदस्यीय टीम जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, ने कच्छ, मोरबी, बनासकांठा, पाटन और सुरेंद्रनगर जिलों का दौरा किया। केंद्रीय टीम ने सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव जे एन सिंह के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
पंकज कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार के आकलन के अनुसार सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए 2,902 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 51 तालुका के 3,367 गांवों को सूखा घोषित किया है। कुमार ने कहा कि केंद्र से आई टीम ने तीन दिनों में सूखा प्रभावित 5 जिलों का दौरा किया, उसके बाद मुख्य सचिव के साथ बैठक की।
उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए 2,902 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) में उपलब्ध धनराशि के अलावा 1,725 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की जरुरत पड़ेगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय टीम ने 1,725 करोड़ रुपये की राशि के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है इसलिए हमे उम्मीद है कि केंद्र सरकार से जल्द ही सहायता राशि मिल जायेगी।
उन्होंने बताया कि इस फंड से किसानों को सूखा से प्रभावित हुई फसलों के नुकसान के भुगतान के अलावा, पीने के पानी और पशुओं के लिए चारा आदि का इंतजाम किया जायेगा। गुजरात में मानसूनी सीजन में केवल 73.87 फीसदी बारिश ही हुई थी।