Advertisement
06 May 2023

भोजपुरी भाषा के लिए वरदान साबित होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक: जलज

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से उभरती ऐसी तकनीक है जो मानव सोच और विचार के आधार पर काम करती है। आजकल एआई का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है, जैसे कि संचार, वित्त, चिकित्सा और विज्ञान। यह तकनीक भोजपुरी भाषा के लिए वरदान साबित हो सकती है। भोजपुरी भाषा प्रायः भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड असम, छत्तीसगढ़ में बोली जाती है। इस भाषा के विकास में अंतर्निहित संस्कृति, इतिहास और लोक साहित्य का बहुत महत्व है।

दिल्ली सरकार की  मैथिली भोजपुरी अकादमी के साथ वर्ष 2018 में दिल्ली में पहले भोजपुरी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन करने वाले  भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष जलज कुमार अनुपम ने भोजपुरी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भोजपुरी भाषा के संरचना और व्याकरण में विशेष विवेचना की जानी चाहिए, ताकि एआई के जरिए भोजपुरी भाषा को समझा जा सके। एआई इस भाषा के संरचना और व्याकरण को समझकर संभवतः भोजपुरी भाषा से संबंधित कार्यों को सुगम बनाने में सक्षम हो सकती है। जैसे कि भोजपुरी भाषा में लेखन, उच्च शिक्षा में शिक्षण सामग्री और भोजपुरी भाषा से संबंधित विभिन्न संगठनों के लिए अनुवाद कार्य।

बकौल जलज,"भोजपुरी संगीत, फिल्म और नाटक में अनुवाद, भोजपुरी साहित्य के अनुवाद और भोजपुरी भाषा से संबंधित अन्य मीडिया कार्य में भी एआई का सकारात्मक सहयोग लिया जा सकता है"।

Advertisement

भोजपुरी कविता कहानियां पर विमर्श के लिए भोजपुरी मंथन के नाम से ब्लॉग लिखते रहे जलज बताते हैं की इंटरनेट के बाद का अनुभव बताता है कि तकनीक ने हमेशा भाषा को समृद्धि किया है और ऐसा ही एआई के माध्यम से भी आगे होगा।

जलज ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि दिल्ली जैसे शहर में भोजपुरी लिटरेचर फेस्टिवल की संकल्पना को साकार करना आसान कार्य नहीं था इसमें उन्हें भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक अविनाश त्रिपाठी , भोजपुरी समाज, दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दूबे और मैथिलि भोजपुरी अकादमी के तत्कालीन उपाध्यक्ष नीरज पाठक का सहयोग मिला है।

भाषा से संबंधित कुछ शासकीय पहलुओं पर उनका कहना है कि आठवीं अनुसूची से पहले साहित्य अकादमी में भोजपुरी को भाषा के तौर पर होना चाहिए और शिक्षा के समवर्ती सूची में होने के चलते यूजीसी से मांग कर के भोजपुरी पढ़ने वालों का भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में कार्य भी होना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Bhojpuri, jalaj
OUTLOOK 06 May, 2023
Advertisement