एनएसडी को मिला नया निदेशक, विवादों में घिरा "तमस" नाटक फिर होगा
नई दिल्ली। पांच साल के लंबे जद्दो ज़हद के बाद एनएसडी को आखिरकार नया स्थाई डायरेक्टर मिल गया और अब हिंदी के प्रख्यात लेखक भीष्म साहनी का चर्चित नाटक तमस का मंचन होगा जो पिछले दिनों विवादों में घिर जाने के कारण स्थगित कर दिया गया था। इस बीच सूत्रों के अनुसार एन एस डी सोसायटी ने भी तमस के मंचन को अनुमति दे दी है।
एन एस डी के 1996 बैच के प्रसिद्ध रंगकर्मी चिन्तरंजन त्रिपाठी को नया एवम स्थायी निदेशक नियुक्त किया गया है। यह घोषणा आज यहां एन एस डी के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार मोहंती ने एक पत्रकार समेल्लन में की। 52 वर्षीय त्रिपाठी प्रोफेसर रमेश चन्द्र गौड़ का स्थान लेंगे जो अब तक एनएसडी का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए थे। गौड़ रंगमंच के आदमीं नहीं थे जबकि छात्रों की मांग थी कि एनएसडी का नया निदेशक रंगमंच से जुड़ा हो। मंत्रिमण्डल की नियुक्ति समिति द्वारा 4 अक्टूबर को त्रिपाठी के नाम पर मुहर लगने के बाद एनएसडी सोसायटी ने उनके नाम का अनुमोदन आज कर दिया। वामन केंद्र का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब जाकर कोई स्थायी निदेशक बना है। इससे एनएसडी में उत्साह का माहौल है।
त्रिपाठी एन एसडी के 12 वें स्थायी निदेशक हैं। वह एन एस डी के 9वे स्नातक हैं जो इसके निदेशक बने हैं। उड़ीसा के चांदी बाला में जन्मे श्री त्रिपाठी हैदराबद विश्विद्यालय से समाजशास्त्र में एम ए कर चुके हैं।उन्होंने चार्ल्स वालेश फेलोशिप के तहत इंग्लैंड के गिलडफोर्ड स्कूल ऑफ एक्टिंग से संगीत थिएटर में दाखिला लिया था। "ताजमहल का टेंडर" नाटक से चरचा में आए त्रिपाठी एक कुशल अभिनेता और संगीतकार भी हैं।उनका यह नाटक पिछले 25 साल से चर्चा में है। उन्होंने कई फिल्मों में और धारावाहिकों में भी काम किया है ।
यह पूछे जाने पर कि क्या अब भीष्म साहनी के उपन्यास "तमस" पर नाटक का मंचन होगा जो पिछले दिनों बाहरी दवाब में रोक दिया गया था, उन्होंने कहा कि यह नाटक अवश्य होगा। कुछ गलत फहमियों के कारण यह नाटक नही हो पाया था। इस साल के अंत तक यह होगा हम उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल पहले मैंने "तमस "उपन्यास पढा था और यह देश की एकता अखंडता को चित्रित करने वाला नाटक है। मेरी बहुत पहले से तमन्ना थी कि यह नाटक करूँ।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जब इस नाटक को खेला जाना था तो त्रिपाठी इसके मंचन से जुड़े थे। एक भाजपा नेता ने तमस के विरोध में एक ट्वीट कर दिया जिससे हड़कम्प मच गया और एनएसडी नेयह नाटक रद्द कर दिया। त्रिपाठी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा की वह इस संस्थान के छात्र हैं लेकिन अब उन्हें एक नई जिम्मेदारी दी गई है और यह एक चुनौती पूर्ण काम होगा लेकिन अभी वह बहुत कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। अभी तो वह निदेशक के रूप में एनएसडी को समझने बुझने का भी काम करेंगे। यह पूछे जाने पर की भारंगम कब होगा और किस तरह होगा,उन्होंने कहा कि अब पहले से बेहतर स्थिति में होगा ।