भारंगमः कायम रहा ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ जलवा
यों तो मंगलवार को मंच पर आई पांचों प्रस्तुतियों को अच्छे दर्शक मिले लेकिन हजारों बार खेले जा चुके हिंदी नाटक सूरज का सातवां घोड़ा की हैप्पी रंजीत के निर्देशन में नए प्रयोगों के साथ मंच पर आई प्रस्तुति ने बता दिया कि अभी भी उसका जलवा कायम है। कमोबेश यही स्थिति देबाशीष राय निर्देशित बांग्ला नाटक इला गुरहैशा की भी रही। सरन्य रामप्रकाश का कन्नड़ नाटक अक्षयंबरा और कन्नड़ में ही एमएल समगा निर्देशित बालि वध और चमका हथलाहवट्टे का राजा मान वाहला (सिंहली) भी दर्शकों की प्रशंसा के हकदार बने।
इस मौके पर लिविंग लीजेंड सीरीज के मशहूर चित्रकार जतिन दास ने अपने जीवन और कला के अनुभवों का कला-संस्कृति प्रेमियों और जिज्ञासु छात्रों युवाओं के साथ साझा किया और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के गुर बताए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महोत्सव में आज के आयोजन में मोहम्मद हनीफ प्रस्तुत गुजराती नाटक मानवी नी भवाई, बिपलव बंद्योपाध्याय का बांग्ला नाटक नीलिमा, महंत जयराम दास का हिंदी रामलीला की प्रस्तुति धनुष यज्ञ , सोनल मान सिंह की नाट्य कथा कृष्णा (हिंदी) और तेग लार्सन का अंग्रेजी सोलो पुतेरी साडोंग का मंचन शामिल है। साथ ही रानावि छात्रों और नाट्य प्रेमियों से लिविंग लीजेंड सीरीज में फिल्मकार गोविंद निहलानी का साक्षात्कार भी रखा गया है।