चर्च चाहता है नाटक पर प्रतिबंध
चर्च का कहना है कि नाटक में पादरियों और ननों का गलत चित्रण किया गया है। ननें जीवनपर्यंत ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होती हैं। यह नाटक ईसाइयों की भावनाओं को भी आहत करने वाला है।
कैथोलिक बिशप्स कॉफ्रेंस ऑफ इंडिया के अनुसार, नाटक में लाखों पादरियों के चरित्र का गलत चित्रण किया गया है। कैथोलिक सेक्युलर फोरम के महासचिव जोसफ डियास ने आज यहां एजेंसी को बताया, ‘हमने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस तथा अन्य मुख्यमंत्रियों को नाटक पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिखा है क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।’
हालांकि उन्होंने कहा कि सीएसएफ की मुंबई में नाटक के आगामी शो को बाधित करने की कोई योजना नहीं है। डियास ने कहा, ‘इस शो को बाधित करने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि इसका मंचन नेशनल सेंटर फॉर पर्फोमिंग आर्ट्स में आमंत्रित दर्शकों के सामने किया जाएगा। हालांकि पहले इसका मंचन सोफिया हॉल में किया जाना था।
उन्होंने कहा, ‘नाटक को एक ऐसे समूह ने तैयार किया है जिसने पहले वैजाइना मोनोलॉग नाम का नाटक तैयार किया था। वे लोग ईसाई नहीं हैं और चर्च से सलाह या उसे शामिल नहीं करते हैं। नाटक ननों के बलिदान पर सवाल लगाता है।
देश में कैथोलिक बिशप्स की ईकाई सीबीसीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नाटक पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने को कहा है।
नाटक के निर्देशक कैजाद कोतवाल ने अपनी तथा नाटक की मुख्य पात्र महाबानो मोदी कोतवाल की सुरक्षा के लिए पुलिस से संपर्क किया है। नाटक पालमेयर द्वारा 1982 के ब्राडवे प्रोडक्शन पर आधारित है जो अमेरिका की एक सच्ची घटना पर आधारित है।