गांधी जयंती: दास्तानगोई के जरिये बयां किया गया बापू का संदेश
पहली महिला दस्तानगोई कलाकार होने का रूतबा रखने वाली 39 साल की फौजिया दस्तानगोई ने हाल ही में दास्तानगोई की शक्ल में महात्मा गांधी की जिंदगी और उनकी शिक्षाओं पर दास्तान-ए-गांधी पेश किया। उन्होंने बताया, दास्तान-ए-गांधी का मकसद महात्मा गांधी की प्रेरणादायी कहानी में स्थायी रूचि को फिर से पैदा करना और इसके लिए कई संबंधित पक्षों को शामिल करना है ताकि बापू के संदेश को फैलाया जा सके। फौजिया ने कहा, आज के दौर में भारत को संवार रही और देश का भविष्य तय करने वाली नौजवान पीढ़ी को गांधी जी के जीवन और उनके मिशन के बारे में बताया जाना चाहिए और यही काम हम कर रहे हैं।
दास्तान-ए-गांधी को फौजिया और फजल राशि ने अपनी अदाकारी के जरिये लोगों के सामने पेश किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सर्वोदय इंटरनेशनल ट्रस्ट के समन्वय के साथ किया गया। इसकी पटकथा लिखने वाले प्रोफेसर दानिश इकबाल ने कहा कि एक घंटे की अवधि में महात्मा गांधी के जीवन को पेश करना बहुत बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी की जिंदगी के कई पहलू हैं। दास्तानगोई के रूप में उनकी जिंदगी को पेश करना बड़ी चुनौती थी। पर हमने उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करने से ज्यादा उनकी जिंदगी के संदेश पर ध्यान दिया।