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27 January 2024

नाटकों का महाकुंभ एक फरवरी से 15 शहरों में

दुनिया का सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव "भारंगम" एक फरवरी से देश के पंद्रह शहरों में शुरू होगा जिसमें 150 से अधिक नाटक खेले जाएँगे। अभी तक दुनिया का सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव न्यूयॉर्क में होता है जिसमें 75 नाटक खेले जाते हैं।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 वाँ भारतीय रंग महोत्सव (भारंगम) इस बार एक फरवरी से 21 फरवरी तक होगा ।उद्घटान समारोह मुम्बई में होगा और महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस इस समारोह का उद्घटान करेंगे।उद्घटान समारोह में आशुतोष राणा के नाटक "हमारे राम " का मंचन होगा।इस रँग महोत्सव के रंग दूत प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी होंगे जो एनएसडी के छात्र रह चुके हैं। समापन समारोह दिल्ली में होगा जिसमें समुद्रमंथन नाटक होगा जिसे एनएसडी ने तैयार किया है।

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महोत्सव का थीम् सांग एनएसडी के पूर्व छात्र स्वानंद किरकिरे ने तैयार किया है। महोत्सव की थीम" वसुधैव कुटुम्बकम" है।

एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने बताया कि कुल 853 नाटकों में से 150 से अधिक नाटकों का चयन 78 सदस्यों वाली जूरी ने ऑनलाइन किया है।नाटकों के चयन में पारदर्शिता के लिए पहली बार ऑनलाइन विधि अपनायी गयी है ताकि चयन प्रक्रिया गुप्त रहे और लोगों को पता न चले कि किसने नाटक देखा या नहीं। ये नाटक पटना पुणे जोधपुर भुज विजयवाड़ा श्रीनगर रामनगर अगरतला बनारस गंगटोक बेंगलुरु भुवनेश्वर आदि शहरों में होगा।

महोत्सव में थिएटर और फेस्टिवल पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 6 फरवरी को मुम्बई में होगी तथा इंटर कल्चरल थिएटर परअंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी दिल्ली में 16 फरवरी को होगी।

महोत्सव में हिंदी के 25 नाटक बंगला के 16 नाटक अंग्रेजी के 5 नाटकों के अलावा उर्दू उड़िया मणिपुरी आदि भाषाओं के भी नाटक होंगे।नेपाल बंग्लादेश रूस आदि देशों के भी नाटक होंगे। मुंबई में 6 दिन नाटक होंगे। पुणे में 5 दिन नाटक होंगे। महोत्सव के दौरान ट्राइबल थिएटर और नुक्कड़ नाटकों का भी प्रदर्शन होगा। भारतीय रंग महोत्सव की शुरुआत 1999 में हुई थी।

एनएसडी के चैयरमैन परेश रावल ने मुम्बई से ऑनलाइन बातचीत में कहा कि यह नाटकों का कुम्भ नहीं बल्कि महाकुंभ है और उसी तरह पवित्र भी।उन्होंने कहा कि देश मे नाटकों के प्रचार प्रसार के लिए देश के सभी प्रमुख शहरों में एनएसडी की शाखा होनी चाहिए।कोलकत्ता में इतने नाटक होते हैं और वहां कोई एनएसडी नहीं है।

श्री पंकज त्रिपाठी ने भी ऑनलाइन सम्बोधन में कहा कि रंगदूत के रूप में वे महोत्सव के प्रचार प्रसार का काम सोशल मीडिया पर भी करेंगे।उन्होंने कहा था जब उन्होंने रेणु के तीन नाटकों को पहले रँगमहोत्सव में नाटक किया था तब से वह इससे जुड़े हैं और मेरे अभिनय अभिनय जीवन के 25 साल हो गए इसे तरह मेरी रंगयात्रा भी 25 वर्ष हो गई।।

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TAGS: Mahakumbh of plays, 15 cities, 1st February
OUTLOOK 27 January, 2024
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