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30 September 2015

दिल्ली में अमृता से मिले साहिर

साहिर और अमृता की प्रेम कहानी को परदे पर साकार किया नब्बे के दशक में समसामयिक विषयों और राजनीति पर व्यंग्यात्मक कार्यक्रमों मूवर्स एंड शेखर्स और पोल खोल से घर-घर में जाना-पहचाना चेहरा बने अभिनेता-निर्देशक शेखर समुन ने। उनका साथ दिया ख्यात अभिनेत्री दीप्ति नवल।

शेखर सुमन साहिर की भूमिका में थे और उनसे जब आज के दौर में राजनीतिक व्यंग्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक व्यंग्य के लिए कोई भी समय गलत नहीं होता।’

भारतीय टेलीविजन जगत पर राजनीतिक व्यंग्य संबंधी कार्यक्रमों की शुरूआत करने वाले शेखर सुमन ने हाल में दिल्ली में एक नाटक में अभिनय किया। एक मुलाकात नाम का नाटक दो प्रतिष्ठित कवि-रचनाकारों साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम की कहानी है। यह उनके अपूर्ण प्रेम, कविता और संगीत के बारे में है।

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शेखर ने कहा कि गुजरे दिनों की तरह आज भी लोग मुद्दे ढूंढ़ सकते हैं जो आपके कार्यक्रम का विषय बन सकते हैं। उन्होंने कहा, राजनीतिक व्यंग्य के लिए हमेशा ही सही समय होता है। लेकिन 1990 के दशक के आखिरी सालों में मेरे पास सक्रियता की दृष्टि से दो शानदार चरित्र थे। एक पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी साहब और लालू प्रसाद यादव। दोनों ही एक दूसरे से पूरी तरह अलग थे लेकिन मजेदार चरित्र थे। इसलिए राजनीतिक व्यंग्य के लिहाज से वह सबसे बढ़िया था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब करने को बातें नहीं हैं। आज भी बहुत सारे मुद्दों पर बातें की जा सकती हैं।

शेखर इस समय एक नए टीवी कार्यक्रम के साथ वापसी करने जा रहे हैं। साथ ही निर्देशक के तौर पर दो नई फिल्मों की तैयारी कर रहे हैं।

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OUTLOOK 30 September, 2015
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