कान फिल्म महोत्सव: 30 साल में पहली बार पाम डिओर पुरस्कार की दौड़ में शामिल भारतीय फिल्म
पायल कपाड़िया की फिल्म “ऑल वी इमेजिन एज लाइट” ने 77वें कान फिल्म महोत्सव में पाम डिओर पुरस्कार की दौड़ में शामिल होकर इतिहास रच दिया है।
महोत्सव में दिए जाने वाले इस शीर्ष पुरस्कार को पाने की दौड़ में आज तक किसी भारतीय महिला निर्देशक की फिल्म शामिल नहीं हुई थी और न ही देश के किसी फिल्मकार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला।
आज समाप्त होने वाले महोत्सव में समीक्षकों की प्रशंसा पाने वाली इस फिल्म में अपनी मंजिल तलाश रहीं तीन महिलाओं की कहानी बयां की गई है।
चार प्रमुख अभिनेता-अभिनेत्रियों कानी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, हृदयु हारून और छाया कदम समेत फिल्म निर्माण दल के सदस्यों के साथ कपाड़िया ने शुक्रवार सुबह महोत्सव के संवाददाता सम्मेलन भवन में समीक्षकों को संबोधित किया।
समीक्षकों ने फिल्म की जमकर प्रशंसा की है।
अमेरिकी पत्रिका वेराइटी की फिल्म समीक्षक जेसिका कियांग ने कहा कि अपने करियर में सिर्फ दो फिल्मों में ही कपाड़िया ने काफी प्रभावित किया है।
‘द गार्जियन’ के पीटर ब्रैडशॉ ने लिखा, “कपाड़िया की फिल्म में सत्यजीत रे की 'द बिग सिटी' (महानगर) और 'डेज एंड नाइट्स इन द फॉरेस्ट' (अरण्येर दिन रात्रि) की झलक है, यह बहुत धाराप्रवाह और मनोरंजक है।”