Advertisement
14 May 2015

कविताओं में अभिव्यक्ति

भरत तिवारी

एक मंच सजा और इस पर सजी ढेर सारी अलग-अलग तरह की भावनाएं। मंच पर डॉ. सरोजिनी प्रीतम, ममता किरण, रेणु शाहनवाज हुसैन, कीर्ति काले, अलका सिन्हा, अनुभूति चतुर्वेदी, सविता असीम, पूनम वर्मा, अलका सिन्हा, इंदिरा मोहन, कीर्ति माथुर मौजूद थीं। सम्मेलन में मंचीय-कविताओं की अधिकता और संचालक का मंचीय-संचालन कविता की कोमल विधा पर थोड़ा भारी लगा लेकिन बेहतरीन गजलकार ममता किरण, रेणु शाहनवाज हुसैन और अलका सिन्हा ने अपनी रचनाओं से न सिर्फ नारी की बल्कि हमारे समाज की व्यथाओं और खुशियों की सुंदर अभिव्यक्ति पेश की।

जिंदगी से जुड़ी रेणु हुसैन की दो पंक्तियां देखें ‘कितनी अलग जिंदगी/ एक तितली यहां-वहां विचरती/ एक सात तहों में लिपटी’ ने खूब रंग जमाया। ममता किरण ने एक से बढ़ कर एक शेर सुनाए और खूब दाद बटोरी। उनका एक शेर देखिए, ‘कच्चा मकां तो ऊंची इमारत में ढल गया/ आंगन में जो रहती थी, चिड़िया किधर गई।’

कार्यक्रम में आकाशवाणी निदेशक राजीव शुक्ला, पूर्व निदेशक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, प्रीति मोहन, ऋचा बनर्जी, ऋचा राजपूत, ओबैद नियाजी और आकाशवाणी से जुड़े तमाम श्रोता मौजूद थे। इस कार्यक्रम में स्त्री रचना और उनकी भावनाओं के इतने अलग-अलग सुर सुनाई पड़े कि कई बार श्रोताओं ने सभागार को सिर्फ तालियों की गड़गड़ाहट से पूरी तरह भर दिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: ऑल इंडिया रेडियो, भारतीय विद्या भवन, all india radio, bhartiya vidhya bhawan
OUTLOOK 14 May, 2015
Advertisement