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30 October 2015

साहित्‍य समारोह में अनुपम खेर को श्रोताओं ने किया खारिज

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हर दिन बहस होने लगी है। रोज ही कलाकार, पत्रकार, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी अपने-अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं। इस बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रही बहस में खूब हंगामा हुआ। 

टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल में अनुपम खेर को भी वक्ता के रूप में बुलाया गया था। जब उन्होंने अपनी बात रखनी शुरू की तब श्रोताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। खेर और भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने विषय के पक्ष में बोला जबकि पूर्व भाजपा विचारक सुधींद्र कुलकर्णी और प्रख्यात लेखिका शोभा डे ने प्रस्ताव के विपक्ष में बोला। 

जैसे ही अनुपम खेर बोलने के लिए खड़े हुए और उन्होंने यह कहा कि जिस समय शोभा डे एक फिल्म पत्रिका की संपादक थी तो उसमें गप्प छापी जाती थीं कि किस अभिनेता का किसके साथ अफेयर है। उनके इतना कहने पर श्रोताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। 

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फिर भी खेर ने बोलना जारी रखा और कहा, लोगों का एक एजेंडा है और वे बर्दाश्त नहीं कर सकते कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। खेर ने कहा कि उन्होंने सुबह में ही आयोजक अनिल धारकर से बात की थी और आशंका जताई थी कि बहस में भाड़े की भीड़ हो सकती है। इससे वहां मौजूद कई लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने खेर की हूटिंग जारी रखी। धारकर ने इसे हास्यास्पद बताया कि रात दस बजे खत्म हुई बहस में मौजूद लोग भाड़े के थे।

 

 

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TAGS: anupam kher, shobha de, sudheendra kulkarni, अनुपम खेर, शोभा डे, सुधीन्द्र कुलकर्णी, tata literature live festival, टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल
OUTLOOK 30 October, 2015
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