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22 August 2015

ताज महल का झाड़फानूस गिरा

सूत्रों ने बताया कि छह फुट उंचे और चार फुट चौड़े इस झाड़फानूस को लॉर्ड कर्जन ने भेंट किया था और इसे 1905 में ताज महल के शाही द्वार पर लगाया गया था।

 

उन्होंने बताया कि इस संबंध में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद भुवन विक्रम के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है। इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है कि झाड़फानूस किस वजह से गिरा लेकिन सूत्रों ने बताया कि संभवत: पुराना हो जाने के कारण वह गिर गया।

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एक टूरिस्ट गाइड वेद गौतम ने कहा, सौभाग्य की बात है कि उस समय कोई वहां आस-पास नहीं था, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। आगरा के एएसआई प्रमुख भुवन विक्रम सिंह ने पिछले गुरुवार को कहा था कि झाड़फानूस की अच्छी तरह से जांच करने और उसकी मौजूदा स्थिति को देखने के बाद ही उसे फिर से लगाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

 

इस बीच कुछ टूरिस्ट गाइड ने एएसआई अधिकारियों पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है और स्मारक की कलाकृतियों की देख-रेख में उनकी विशेषज्ञता पर सवाल उठाया है।

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TAGS: chandelier, british era, taj mahal, lord curzon, झाड़फानूस, ब्रिटिश कालीन, ताज महल, लॉर्ड कर्जन
OUTLOOK 22 August, 2015
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