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11 January 2016

पुस्तक मेले में चीनी लेखकों की टैगोर, मोदी पर किताबें

PTI

चीन के इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी पब्लिशिंग के प्रबंधक यिन यमीन ने कहा कि अतिथि देश के रूप में इस बार चीन को भारत विश्व पुस्तक मेले में स्थान मिलना सम्मान की बात है। हम पुस्तकों के माध्यम से न केवल भारत के लोगों को चीन की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराना चाहते हैं बल्कि यह भी बताना चाहते हैं कि भारत एवं यहां के लोगों एवं संस्कृति के बारे में चीन में कितनी जिज्ञासा है।

उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले में इस बार विख्यात साहित्याकार रवीन्द्रनाथ टैगोर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पुस्तकें पेश की गई हैं। विभिन्न प्रकाशकों द्वारा पेश इनमें से कई किताबें अनुवाद नहीं है बल्कि मूल पुस्तक हैं। चीन के लोगों में प्रधानमंत्री मोदी के बारे में यह जिज्ञासा है कि एक साधारण परिवार का व्यक्ति किस प्रकार से शीर्ष पर पहुंचा। प्रगति मैदान में चीन का बड़ा पेवेलियन है जिसमें करीब 5 हजार किताबें हैं जो हिन्दी और अंग्रेजी अनुवाद हैं। 

पुस्‍तक मेले में खास 

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पुस्तक मेले में एक खास आकर्षण न्यूयार्क टाइम्स में पिछले कई सालों में प्रकाशित लेखों का संग्रह है जो न्यूयार्क रिव्यूयर के नाम से उपलब्ध है। यही नहीं पुस्तक प्रेमियों के लिए मेले में छोटी क्लासिक कहानियों पर आधारित पुस्तकें भी हैं जिन पर फिल्में बन चुकी हैं। इनमें एच पी लवक्राफ्ट की द काल आॅफ दी कानयन, एच जी वेल्स की एम्पायर आॅफ दी आंट्स शामिल हैं। हार्पर कालिन्स ने सिने अभिनेताओं मधुबाला, स्मिता पाटिल, अमिताभ बच्चन के अलावा सत्यजीत राय, विमल राय के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को शामिल करते हुए कई संस्करण पेश किए हैं। 

अंतरराष्ट्रीय शतरंज खिलाड़ी अनुराधा बेनीवाल की पुस्तक 'आजादी मेरा ब्रांड' सहित नई श्रृंखला 'ययावारी आवारगी' पेश की गई। इसके साथ ही कस्तूरबा पर गिरिराज किशोर का उपन्यास 'बा' भी पुस्तक प्रेमियों के लिए उपलब्ध है। राजकमल प्रकाशन पुस्तक मेले के दौरान आदिवासी विमर्श पर जोर दे रहा है और इस संदर्भ में माटी, माटी प्रकृति और एलिस एक्का की कहानियां प्रदर्शित कर रही है। लप्रेक श्रृंखला की पुस्तक 'इश्क में माटी सोना' और 'इश्क कोई न्यूज नहीं' भी पाठकों के लिए उपलब्ध हैं।

 

 

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TAGS: दिल्‍ली, विश्‍व पुस्‍तक मेला, अतिथि देश, चीनी लेखक, नरेंद्र मोदी, रवींद्रनाथ टैगोर, किताबें
OUTLOOK 11 January, 2016
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