वापस नहीं लिया अवार्ड, असहिष्णुता के खिलाफ विरोध जारी: नयनतारा सहगल
अकादमी के सचिव को अपने पत्र में उन्होंने लिखा, मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने किसी भी हाल में अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया। मेरा और अन्य लेखकों का विरोध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार हमलों को लेकर है। सहगल ने याद दिलाया कि कन्नड़ लेखक एम एम कलबुर्गी और उससे पहले महाराष्ट्र में नरेंद्र दाभोलकर व गोविंद पानसारे की हत्या पर अकादमी की चुप्पी के खिलाफ उन्होंने अपना पुरस्कार वापस कर दिया था। उन्होंने कहा कि एेसा लगता है कि अकादमी ने फिर से विचार किया है क्योंकि उसके पत्र में लिखा हुआ है कि अकादमी में लौटाए गए पुरस्कारों को स्वीकार करने की कोई नीति नहीं है।
सहगल ने अपने पत्र में लिखा है यह बहुत अजीब है क्योंकि अकादमी ने नीति बताने में काफी महीने लगा दिये। मैंने अक्तूबर में आपको चेक भेजा था जो अब तक किसी हालत में मान्य नहीं होगा। उन्होंने कहा, अगर वे लोग अब अमान्य चेक लौटा रहे हैं तो ये उनका (अकादमी का) निर्णय है ना कि मेरा।