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23 November 2015

विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

मंदिर प्रशासन ने नया नियम लागू किया है कि ऐसे श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले या तो उचित कपड़े पहनकर या पास की दुकान से साड़ी पहनकर आने के लिए कहा जाएगा। मंदिर प्रशासन ने बदन दिखाऊ कपड़े पहनकर आने वाली विदेशी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है और उनके लिए ड्रेस कोड लागू ‌कर दिया है। ऐसे विदेशियों को अब साड़ी पहनकर आना होगा। इसके लिए प्रशासन ने दोनों प्रवेश द्वार पर 25 साड़ियों की भी व्यवस्‍था की है। ऐसे श्रद्धालुओं को साड़ी पहनने में मदद करने के लिए प्रवेश द्वार पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. एन. द्विवेदी ने बताया कि स्‍थानीय श्रद्धालुओं, खासकर दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं की मांग पर विदेशियों के लिए यह ड्रेस कोड लागू किया गया है, जिन्हें विदेशियों के बदन दिखाऊ कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करने पर आपत्ति है। द्विवेदी ने कहा, ‘दक्षिण भारत के श्रद्धालु तिरुपति बालाजी मंदिर में लागू ड्रेस कोड की तर्ज पर महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता लागू करने की मांग कर रहे हैं। विदेशी पर्यटक जब छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करते हैं तो वहां बड़ी असहज स्थिति हो जाती है। पर्यटकों के जींस और पैँट पहनने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है।’

उन्होंने बताया कि मंदिर प्रशासन भविष्य में पुरुष श्रद्धालुओं के लिए भी धोती के रूप में ड्रेस कोड लागू करने की योजना बना रहा है। यह बदलाव जल्द ही आने वाला है। इसकी शुरुआत साड़ी ड्रेस कोड से की गई है। यह ड्रेस कोड भारतीय महिलाओं पर भी लागू होगा। विदेशी पर्यटकों की पोशाक दो जगह जांच की जाएगी- पहला मंदिर परिसर के बाहर पुलिस आउटपोस्ट पर जहां वे सुरक्षाकर्मियों के समक्ष अपना पासपोर्ट दिखाते हैं। उनकी जांच मंदिर परिसर में काउंटर पर भी की जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन 60 हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं जिनमें पांच प्रतिशत विदेशी श्रद्धालु होते हैं।  

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TAGS: Varanashi, Kashi Vishwanath, dress code, Foreign tourist, पी. एन. द्विवेदी, मंदिर प्रशासन, ड्रेस कोड
OUTLOOK 23 November, 2015
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