Advertisement
19 October 2015

अवॉर्ड लौटाने वालों में मुनव्वर राणा भी शामिल

कल एक टीवी कार्यक्रम के दौरान आमजन के शायर मुनव्वर राणा ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया। दो हफ्तों से चले आ रहे इस सिलसिले में राणा का नाम भी जुड़ गया। राणा ने कहा, मुल्क की गंगा-जमुनी तहजीब को लहूलुहान किया जा रहा है और इसके विरोध में साहित्यकारों का अपने पुरस्कार वापस करना उनके प्रतिकार का चरम है।

राना ने कहा कि उन्होंने मुल्क के मौजूदा हालात का विरोध दर्ज कराने के लिए अंररार्त्मा की आवाज पर साहित्य अकादमी अवॉर्ड वापस किया है।

साहित्यकारों द्वारा पुरस्कार वापस किए जाने के औचित्य को लेकर देश में छिड़ी बहस के सवाल पर उन्होंने कहा,  हमारे पास विरोध दर्ज कराने के लिए और है भी क्या।

Advertisement

राना ने कहा,  इस उम्र में हम धरना दे नहीं सकते, अनशन कर नहीं सकते, सड़कों पर उतर नहीं सकते, हां लिख सकते हैं लेकिन कलबुर्गी साहब का क्या अंजाम हुआ। हम कलम के सिपाही हैं, इसलिए उस कलम के सम्मान स्वरूप सरकार ने जो अवॉर्ड दिया, उसको वापस करने को ही हम अपने पुरजोर विरोध की निशानी मानते हैं।

उन्होंने कहा,  जो साहित्यकार इन हालात के मद्देनजर अपने अवार्ड वापस कर रहे हैं, हम उनके साथ हैं। मुनव्वर राणा को शाहदाबा के लिए सन 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया थआ।       राना ने कहा कि आज आतंक शब्द पर बहस की सख्त जरूरत है। अगर कहीं पर 100 लोग मिलकर एक आदमी को मार दें या कहीं हंगामा कर दे तो इसका मतलब है कि मुल्क में पुलिस की कोई जरूरत नहीं रह गई है। शब्दकोष में तलाश किया जाए कि आतंक के मायने क्या हैं।

उन्होंने कहा कि आतंक का क्या यह मतलब है कि हम कुछ करें तो वह दहशतगर्दी है, लेकिन अगर कुछ और लोग यह सब करें तो वह आतंक नहीं है। जाहिर सी बात है कि ऐसी सूरत में हमें यह अवॉर्ड वापस कर देना चाहिए। वह भी इस अटल निर्णय के साथ कि भविष्य में कभी कोई सरकारी सम्मान स्वीकार नहीं करेंगे। राना ने कहा कि शायर होने के कट्टर हिंदुस्तानी होने के नाते यह हमारा अखलाकी फर्ज है कि यह जो खौफ और दहशत का माहौल है यह खत्म हो। अगर यह खत्म नहीं हुआ तो खुद हम को खत्म हो जाना चाहिए। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: munawwar rana, sahitya akademi award, मुनव्वर राणा, साहित्य अकादमी
OUTLOOK 19 October, 2015
Advertisement