Advertisement
18 November 2015

विहान के मंच पर विभोर

अपनी कविताओं की पृष्ठभूमि का चित्रण करते हुए विभोर ने कहा कि कविता मुझे मनचाही जगह उपलब्ध कराती है। जहां मैं साफगोई से अभिव्यक्त होता हूं। वह मेरा आत्मीय किनारा है, जो मुझे राहत देता है।

 

सुपरिचित कवि हेमंत देवलेकर ने कहा, विभोर की कविताओं में अपने आसपास की स्थितियां और हालात उभर कर आते हैं। कविता पाठ के बाद वरिष्ठ और युवा कवियों तथा कलाकारों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विभोर के रचनाकर्म को संभावनाओं से परिपूर्ण बताया। रंगकर्मी सौरभ अनंत ने आभार ज्ञापित किया। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: vibhor, vihaan, poem, विभोर, विहान, कविता
OUTLOOK 18 November, 2015
Advertisement