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20 January 2017

कोई बदलावों से अप्रभावित नहीं रह सकता : गुलजार

               इस पुस्तक में भारत की राजनीति से जुड़े कटु पहलुओं के बारे में बात की गयी है। साथ ही टैटू,  अखबार,  राजनीतिक रैली और दलित भी इस किताब में शामिल कविताओं के विषय के केंद्र में हैं। इस संग्रह में एक कविता दिवंगत लेखक एमएम कलबुर्गी पर भी है।

        82 वर्षीय गुलजार ने कहा,  हमें निश्चित तौर पर अपने राष्ट्र और उसके पर्यावरण के बारे में सोचना चाहिए..आसपास जो घटित हो रहा है, इसके बारे में सूचित करने की जिम्मेदारी मेरी है।

        गुलजार की पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद करने वाले सांसद पवन के. वर्मा ने कहा कि यह दुष्कर कार्य था, खासकर इसलिए क्योंकि कविताओं में कई चीजें एक साथ हैं। ये कविताएं गुदगुदाती हैं, साथ ही समकालीन भारत में हो रहे परिवर्तनों पर पैनी निगाह रखती हैं।

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        किताब के शीर्षक के बारे में गुलजार ने कहा कि उनका हमेशा से ये मानना रहा है कि हर कविता के पीछे एक कविता होती है। शायद इसीलिए शीर्षक ऐसा रखा है।

एजेंसी

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TAGS: गीतकार गुलजार, सस्पेक्‍टेड पोएम्स, बदलाव, जयपुर, पुस्तक विमोचन, बालीवुड
OUTLOOK 20 January, 2017
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