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15 October 2019

एटवुड और एवरिस्तो ने संयुक्त रूप से जीता बुकर प्राइज, 27 साल बाद एक विजेता चुनने का टूटा नियम

File Photo

कनाडा की मार्गरेट एटवुड और ब्रिटेन की बर्नरडाइन एवरिस्तो को संयुक्त रूप बुकर प्राइज 2019 का विजेता चुना गया है। जजों ने अवॉर्ड के विजेता तय करने के लिए करीब 5 घंटे तक चर्चा की। बुकर प्राइज के नियमों के मुताबिक, यह अवॉर्ड साझा नहीं जा सकता, लेकिन जजों ने जोर देते हुए कहा कि वे एटवुड और एवरिस्तो में से एक विजेता नहीं चुन सकते। इसके बाद नियम तोड़कर बुकर प्राइज के लिए संयुक्त विजेताओं के नाम का ऐलान किया। आखिरी बार 1992 में संयुक्त विजेताओं का ऐलान हुआ था। हालांकि, इसके बाद सिर्फ एक विजेता का नाम घोषित करने का नियम बना दिया गया। 

यह अवॉर्ड जीतने वाली एवरिस्तो पहली अश्वेत महिला

बुकर प्राइज के 50 साल के इतिहास में यह अवॉर्ड पाने वाली बर्नरडाइन एवरिस्तो पहली अश्वेत महिला हैं। जजों ने उनकी किताब ‘गर्ल, वुमन, अदर’ के किरदारों की तारीफ की। वहीं, 79 साल की एटवुड इस अवॉर्ड की सबसे बुजुर्ग विजेता हैं। ब्रिटेन में उनकी कृति ‘द टेस्टामेंट’ की 1 लाख कॉपीज सिर्फ एक हफ्ते में ही बिक गई थीं। नामों का ऐलान किए जाने के बाद एटवुड ने हंसते हुए कहा, “मुझे लगा कि मैं इस इनाम के लिए कुछ ज्यादा ही बूढ़ी हूं। अगर मैं विजेता न बनती तो सोचती कि मुझे इस आदर-सत्कार की जरूरत नहीं। खुशी है कि मुझे कुछ और आदर मिलेगा। एटवुड इससे पहले 2000 में ब्लाइंड एसैसिन किताब के लिए बुकर जीत चुकी हैं।’’

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आयोजकों की सलाह के बावजूद जजों ने चुने दो संयुक्त विजेता

बुकर प्राइज की शुरुआत 1969 में हुई थी। 1974 और 1992 में इसके लिए संयुक्त विजेता चुने गए। इस साल भी आयोजकों ने जजों से एक ही विजेता चुनने के लिए कहा। हालांकि, एटवुड और एवरिस्तो की किताब पर चर्चा के बाद पैनल के जज पीटर फ्लोरेंस ने कहा कि हम नियमों को तोड़कर दो विजेता घोषित करेंगे। पीटर ने पत्रकारों को बताया कि जितना ज्यादा हमने दोनों किताबों पर चर्चा की, उतना ही हम उन्हें विजेता घोषित करने के लिए आश्वस्त होते गए।

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TAGS: Jury, Booker Prize, Atwood, Evaristo, Rushdie
OUTLOOK 15 October, 2019
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