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17 January 2018

जन्मदिन विशेष: छोटे शहर भाग जाना चाहते थे जावेद अख्तर

File Photo.

कवि, गीतकार और लेखक जावेद अख्तर आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था। उनकी पढ़ाई लखनऊ में हुई। जावेद अख्तर के पिता जां निसार अख्तर बॉलीवुड गीतकार और मश्‍ाहूर श्‍ाायर थे और उनकी मां सफिया अख्तर भी एक सिंगर, टीचर और लेखिका थीं।

जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम हैं जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है। सलीम के साथ उनकी जोड़ी ने कई हिट फिल्में दी हैं और 70 से 80 के दशक में दोनों की जोड़ी बॉलीवुड में काफी मशहूर थी।

अपनी किताब 'इन अदर वर्ड्स' के विमोचन के दौरान उन्होंने खुद से जुड़ा एक किस्सा बताया था।

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तय समयसीमा के भीतर गीत और पटकथाएं सौंपने के लगातार दबाव और लेखक के तौर पर विचारों के अवरुद्ध होने से परेशान अख्तर ने एक बार महाराष्ट्र के सांगली जिले भाग जाने के बारे में सोचा। हालांकि वह पहले कभी भी वहां नहीं गए थे।

अख्तर ने कहा, ‘ऐसा मेरे साथ कई बार हुआ, जब भी मैं कोई पटकथा लिखता, कोई निर्माता आता और मुझे बड़ा साइनिंग अमाउंट दे जाता। इसके बाद जब मैं लिखने बैठता तो मुझे लगता मैं अब आगे एक भी पन्ना नहीं लिख पाऊंगा।’

उन्होंने कहा, ‘उस दौरान टेलीविजन नहीं थे, इसलिए कोई भी मेरा चेहरा नहीं पहचानता था और हर कोई मुझे मेरे नाम से जानता था। जब मैं लिखने में सक्षम नहीं होता तो कल्पना करता था कि इससे निकलने का एक ही तरीका है और वह है किसी छोटे शहर भाग जाना और वहां किसी दूसरे नाम से रहना एवं कोई दूसरा काम शुरू करना।’

अख्तर ने कहा, ‘पता नहीं क्यों मैं हर बार भाग जाने के बारे में सोचता था, मैं सांगली जाने के बारे में सोचता था, वह शहर जहां मैं पहले कभी नहीं गया था। इसका कारण यह भी हो सकता है कि मैं कभी भी सांगली के रहने वाले किसी व्यक्ति से नहीं मिला था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं वहां छिप सकता हूं, वह एक सुरक्षित जगह होगी।’

अख्तर अपने पिता और उर्दू साहित्य के प्रतिष्ठित श्‍ाायर जां निसार अख्तर से बगावत कर 1960 के दशक की शुरुआत में मुंबई आ गए थे। दर्शकों से बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि लेखक के तौर पर विचारों के अवरुद्ध होने से कैसे निपटा जाए, तो उन्होंने कहा कि रचनात्मकता की प्रक्रिया का कोई तय नियम नहीं है और हर कोई इस चीज से जूझता है।

अख्तर ने कहा, ‘लेकिन अगर आप एक पेशेवर लेखक हैं तो आप केवल प्रेरित होने का इंतजार नहीं कर सकते, आपको बस लिखना होगा। आपको एक तय तारीख को इसे सौंपना होगा। जब आप किसी फिल्म की पटकथा या गीत लिख रहे होते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि मैं प्रेरित नहीं हो पा रहा... यह संभव नहीं है इसलिए बेहतर होगा कि आप खुद प्रेरित हों।’

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TAGS: javed akhtar, 73rd birthday, happy birthday javed akhtar
OUTLOOK 17 January, 2018
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