अब्राहम अॉर्टेलियस, वो शख्स जिसने बनाया दुनिया का पहला एटलस
रविवार को गूगल डूडल दुनिया के पहले एटलस को याद कर रहा है। 20 मई, 1570 को पहली बार प्रकाशित हुए इस एटलस का नाम था Theatrum Orbis Terrarum, या Theatre of the World। अलग-अलग नक्शों को एक किताब में लाने का काम किया था कार्टोग्राफर अब्राहम ऑर्टोलियस ने।
भूगोल के जानकार कॉन्टिनेंटल ड्रिफ्ट थ्योरी से वाकिफ होंगे। इसमें कहा जाता है कि पहले सारे महाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे। धीरे-धीरे वो टूटना शुरू हुए। कॉन्टिनेंटल ड्रिफ्ट के बारे में शुरुआती जानकारी इस एटलस से मिलती है। सोलहवीं शताब्दी के कई कार्टोग्राफर के नाम भी इसमें हैं। ये बात ख्याल में रखने की है ऑर्टेलियस ने इनमें से ज्यादातर नक्शों को खुद नहीं बनाया था। वह इन नक्शों को एक जगह लाए थे, उनकी व्याख्या और स्रोतों के साथ। यह भी अपने आप में बड़ा काम था। अपने एटलस में उन्होंने लगभग 33 कार्टोग्राफर के काम का इस्तेमाल किया। इसके अलावा उन्होंने 54 दूसरे कार्टोग्राफर का भी नाम एटलस में लिया।
1570 में पश्चिमी यूरोप ने दुनिया के बारे में जितना जाना था, वो सब 53 नक्शों में समेटा गया था। जाहिर है बहुत कुछ तब ज्ञात नहीं था, इसलिए ये नक्शे अपने आप में पूरे नहीं थे। ऑस्ट्रेलिया और अंटार्किटिका के बारे में तब कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए इस एटलस में पांच महाद्वीपों के नक्शे हैं। इस एटलस में ऑर्टोलियस ने रचनात्मकता दिखाई थी और ये आज के एटलस से कहीं ज्यादा जीवंत थे। उन्होंने समुद्र को सी मॉन्सटर्स से दिखाया था और महाद्वीपों को महिला किरदारों से।
दुनिया की खोज में निकले लोगों को उनके नक्शों से काफी मदद मिली। कम्युनिकेशन बढ़ा। इस एटलस का अंतिम संस्करण 1622 में आया। इसमें 167 नक्शे थे।
4 अप्रैल, 1527 को बेल्जियम के एंटवर्प में जन्मे ऑर्टेलियस कई भाषाएं जानते थे। उन्हें डच, ग्रीक, लैटिन, इटालियन, फ्रेंच, स्पैनिश और कुछ हद तक जर्मन और इंग्लिश भाषाएं आती थीं। क्लासिकल साहित्य और विज्ञान की नई खोजों के बारे में जानने में उनकी रुचि थी। ऑर्टेलियस घुमक्कड़ मिजाज के थे और ऐतिहासिक चीजें इकट्ठी करते थे। उन्होंने कई नक्शे भी बनाए और उनमें रंग भरा।
ऑर्टेलियस के एटलस आज हजारों डॉलर्स में नीलाम होते हैं। उनके एटलस की नकल तक बहुत महंगी बिकती है।
पहले एटलस में पर्सियन साम्राज्य का मैप