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02 February 2017

उस्ताद इमरत खान ने ठुकराया पद्मश्री पुरस्कार

           इमरत ने शिकागो में पीटीआई भाषा से कहा कि ऐसे वक्त में जब उनके कनिष्ठ पद्मभूषण से नवाजे जा चुके हैं,  उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने पर विचार हुआ है।

   उन्होंने कहा,  भारत सरकार ने 82 साल की उम्र में मेरी जिंदगी के आखिरी लम्हों में मुझे पद्मश्री के लिए चुना है। मैं इस कदम के पीछे की अच्छी मंशा स्वीकार करता हूं, लेकिन बिना किसी पूर्वग्रह पाले कहना चाहूंगा कि मेरे योगदान पर विचार कई दशक बाद तब आया है, जबकि मेरे जूनियर पद्मभूषण पा चुके हैं।

   उन्होंने यह बात तब कही जब गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कार की घोषणा के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शिकागो में उनसे संपर्क किया।

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    सेंट लुइस में रह रहे उस्ताद इमरत ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में भारतीय क्लासिकल संगीत, खास कर सितार और सुरबहार के प्रचार-प्रसार में बड़ा योगदान किया है।

   इमरत अपने बड़े भाई उस्ताद विलायत खान,  उस्ताद बिस्मिल्ला खान,  उस्ताद अहमदजान थिरकवा और पंडित वीजी जोग के साथ अपने संगीत का जौहर दिखा चुके हैं।

एजेंसी

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TAGS: पद्मश्री, इमरतं खान, सितार वादक, सुरबहार वादक, ठुकराया, कनिष्ठ
OUTLOOK 02 February, 2017
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