लोकप्रियता का शॉर्टकट नहीं होता : हरिप्रसाद चौरसिया
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी की मीठी धुन सभी को मोह लेती है। उनकी बांसुरी की मिठास यूं ही नहीं आ गई है। इसके लिए उन्होंने कड़ी साधना की है और लंबे रास्ते पर चले हैं। नए कलाकारों के लिए उन्होंने कहा, ‘लोकप्रियता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। किसी को भी तुरंत प्रसिद्धि नहीं मिलती। उन्हें संगीत की सभी विधाओं जैसे कि भारतीय और पाश्चात्य संगीत से वाकिफ होना चाहिए और उन्हें मेहनत से दक्षता हासिल करनी चाहिए।
पंडित चौरसिया कोलकाता में एक सम्मान कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। सहज पर्व कार्यक्रम में सम्मानित किया जाना था। उन्होंने बताया, बांसुरी से लेकर बंशी और फिर सैक्सोफोन तक की इस वाद्ययंत्र की यात्रा अनूठी रही है।
पद्म भूषण से सम्मानित संगीतकार ने कार्यक्रम से इतर कहा, ‘सुनने तथा उसे ग्रहण करने की प्रक्रिया आजीवन होनी चाहिए।’ उनका मानना है, संगीत की दुनिया में आने के इच्छुक किसी भी संगीतकार को रॉक, जैज, शास्त्रीय, अर्द्ध शास्त्रीय विधा के सुरों पर समान पकड़ होनी चाहिए।