Advertisement
12 August 2022

पुस्तक समीक्षा : बाली उमर

बाली उमर, हिंदी के युवा और चर्चित लेखक भगवंत अनमोल का उपन्यास है। इसकी कहानी गांव के कुछ बच्चों के इर्द गिर्द घूमती है। शुरुआत में तो यह उपन्यास बाल मन में पनपने वाले उन ख़ास सवालों और जिज्ञासाओं को लेकर चलता है, जिन्हें आमतौर पर किसी से पूछना, ज़िक्र करना पाप समझा जाता है। मगर फिर धीरे धीरे उपन्यास की कहानी गंभीरता की ओर बढ़ने लगती है। यौन सुख, काम उत्तेजना से हटकर बाल शोषण और उससे पैदा हुई भावुक स्थिति का चित्रण ही इस उपन्यास को ख़ास बना देता है। वगरना बहुत मुमकिन था कि यह सतही उपन्यास रह जाता। यह भगवंत अनमोल की कुशल लेखन शैली और सोच ही है कि उन्होने रोचकता और रोमांच को बरक़रार रखते हुए उपन्यास में भावुकता और सार्थकता का भी रस भरपूर मात्रा में शामिल किया है। 

 

यह उपन्यास रोचक है। आप कहीं भी बोर नहीं होते। एक बैठक में पढ़ते चले जाते हैं। लेखक ने बहुत ही ग़ज़ब के प्रवाह के साथ इसे लिखा है।कथा वस्तु बहुत मौलिक है। भाषा के स्तर पर यह उपन्यास आपको आकर्षित करता है। आप पढ़ते चले जाते हैं और कहानी में उतरते जाते हैं। शब्दों का चयन किसी किस्म का अवरोध उत्पन्न नहीं करता। किताब में एक सच्चाई, ईमानदारी झलकती है। किसी अन्य लेखक, किताब का प्रभाव नहीं दिखाई देता। 

Advertisement

 

लेखक का विकास नज़र आता है इस उपन्यास के ज़रिए। जिस तरह सभी किरदारों को गढ़ा है, कहानी में स्पेस दिया है वह बधाई योग्य है। कहीं भी असंतुलन नहीं दिखाई देता।जिन्हें शिकायत है कि आज हिंदी के मेन स्ट्रीम में युवा अवस्था के कॉलेज रोमांस, हॉस्टल, कैंटीन के सिवा कुछ नहीं लिखा जा रहा, उनके लिए यह किताब है। 

 

जो भारी भरकम साहित्यिक ज्ञान प्रवचन से पक और थक गए हैं और एक सिम्पल, मनोरंजक, प्रेरक कहानी पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए यह किताब है। आप इसे पढ़कर निराश नहीं होंगे। 

 

पुस्तक : बाली उमर 

लेखक : भगवंत अनमोल 

प्रकाशन : राजपाल एंड संस 

मूल्य : 175

पेज : 128

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Bhagwant Anmol book baali Umar, Bhagwant Anmol book baali Umar review, literature, world book day, Hindi news, Rajpal publication
OUTLOOK 12 August, 2022
Advertisement