पुस्तक समीक्षा : अधूरी लड़की
अगर आपको हिंदी साहित्य और कहानियों में जरा सी भी दिलचस्पी है तो पुस्तक "अधूरी लड़की" जरूर पढ़नी चाहिए। “अधूरी लड़की" कहानियों की किताब है। इसमें कुल चौदह कहानियां हैं। सात कहानियां लेखक आजम क़ादरी ने लिखी हैं और सात अकबर क़ादरी ने। कहानियां, क़िस्सागोई की उस परंपरा को लेकर चलती हैं, जिसकी झलक हमें अपने बचपन में मिली थी। ऐसी कहानियां, जिन्हें बचपन में सुनने के लिए हम अपने बुज़ुर्गों से जिद किया करते थे। ऐसी कहानियां, जिसमें जाने पहचाने किरदार थे, अपनापन था। ऐसे किरदार जिनकी तकलीफ और ख़ुशी, से हम रिलेट कर पाते थे। ऐसी कहानियां, जो हमें मनोरंजन के साथ, जिंदगी भर काम आने वाली नसीहतें दे जाती थीं। कुछ ऐसी ही कहानियां लिखी गई हैं किताब “अधूरी लड़की" में ।
किताब की कहानियों में अलग अलग रंग देखने को मिलते हैं। कहानियां समकालीन समाज में मौजूद गरीबी, सामाजिक अन्याय, रिश्तों की हकीकत से हमें रूबरू कराती हैं। कहानियों का दिलचस्प कथानक, सहज भाषा, मजबूत शिल्प, पाठक में रोचकता पैदा करता है। कहानियां भारत देश की कहानियां हैं। कहानियां भारत की मिट्टी की कहानियां हैं। भाषा ऐसी सरल है कि ज़्यादा दिमाग़ खपाना नहीं पड़ता। आप पहली पंक्ति से ही किताब से, किताब की कहानी से जुड़ जाते हैं।
हर कहानी में भारत बसता है। शहर के कोलाहल से दूर, कॉलेज, कॉरपोरेट, कैंटीन, रोमांस, नारीवाद, समाजवाद, साम्राज्यवाद से दूर इन कहानियों में समाज का सच है और वो बिना किसी लाग लपेट के। किताब में उन लोगों की कहानी है, जिन्हें अनदेखा कर दिया जाता है, जिनकी आवाज़ को अनसुना कर दिया जाता है। यह कहानियां समाज के दबे हुए, शोषित, वंचित, अनदेखे तबके को केंद्र में लेकर आने का काम करती हैं।
कहानियों को पढ़ते हुए पारंपरिक कथा लेखन नजर आता है। महसूस होता है कि लेखक को कथा लेखन का ज्ञान है, लेखक ने बहुत अच्छी तरह से कथा लेखन के इतिहास को पढ़ा और समझा है। कहानियां पढ़ते हुए, कई बड़े कथाकार जहन में आते हैं। आजम और अकबर के लेखन का सबसे बड़ा पक्ष यह है कि दोनों ने ईमानदारी से वह लिखा है, जो वह लिखना चाहते थे।
अकबर और आज़म के लेखन में यथार्थ है, भोगा हुआ सत्य है। दोगलापन नहीं है। बाज़ार की भेंट चढ़ चुके साहित्यिक परिवेश से दूर अकबर आजम अपनी किताब के माध्यम से ऐसी कहानियां सुना रहे हैं, जो भविष्य के लिए दस्तावेज साबित होंगी।
किताब – अधूरी लड़की
लेखक – अकबर क़ादरी – आजम क़ादरी
प्रकाशन – मैंडरैक प्रकाशन भोपाल
मूल्य – 195 रूपए