पुस्तक समीक्षा : परखनली
किताब "परखनली" कहानियों की किताब है। इसमें कुल दस कहानियां हैं। पहली छह कहानियां आज़म क़ादरी ने लिखी हैं, बाक़ी चार अकबर क़ादरी ने।
कहानियां, क़िस्सागोई की उस परंपरा को लेकर चलती हैं, जिसकी झलक हमें अपने बचपन में मिली थी। किताब की कहानियों में अलग अलग रंग देखने को मिलते हैं। एक कहानी शहर और गांव की दुनिया के बीच के अंतर को दिखाती है तो दूसरी एक विधवा मां के संघर्ष को। एक कहानी निस्वार्थ प्रेम का चित्र खींचती है तो दूसरी, आज के वक़्त में, गरीबी, सामाजिक न्याय, रिश्तों की हक़ीक़त से हमें रूबरू कराती है।
कहानियों में दिलचस्प कथानक, सरल भाषा, शिल्प का जादू, रोचकता पैदा करता है। कहानियों को पढ़ते हुए पारंपरिक कथा लेखन नज़र आता है।कहानियां पढ़ते हुए, कई बड़े कथाकार ज़ेहन में आते हैं। आज़म और अकबर के लेखन का सबसे बड़ा पक्ष यह है कि दोनों ने ईमानदारी से अपने समय को दर्ज किया है। अच्छी कहानियों के शौकीन हैं तो, यह किताब आप पढ़ सकते हैं।
पुस्तक - परखनली
लेखक - आजम कादरी और अकबर कादरी
प्रकाशन - हिन्द युग्म प्रकाशन
मूल्य - 119 रुपए