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29 January 2016

इस गुल्लक में जिंदगी खनकती है

लेखिका के शब्दों में, ‘यह मेरी पहली  किताब है या कह लीजिए मेरी पहली कोशिश अपनी भावनाओं को इस खूबसूरत दुनियां से मिलवाने की। मेरी किताब न कोई कविता संग्रह है और न कहानियों का पिटारा। यह मेरे अंदर की आवाज है जो मैंने अपनी डायरी में दबा रखी थी।’

इस पुस्तक में कविताओं का अलग ही रूप है। हर कविता अपने आप में एक कहानी है। इन कविताओं में छुपी कहानी की एक जिद है। इन कहानियों की बदौलत ही वे कविताएं हैं। इस गुल्लक में जितनी भी कविताएं वह सब कहीं किसी अनुभव की कविताएं हैं।

 पुस्तक - जिंदगी की गुल्लक

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लेखिका - मनीषा श्री

प्रकाशक - अयन प्रकाशन

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TAGS: zindagi ki gullak, manisha shri, ayan prakashan, जिंदगी की गुल्लक, मनीषा श्री, अयन प्रकाशन
OUTLOOK 29 January, 2016
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