Advertisement
29 October 2021

शहरनामा/नागपुर: संतरे और राजनीति का गढ़

संतरा नगरी

नागपुर को संतरों का शहर कहा जाता है। यहां के ताजे, रसीले मीठे संतरे विश्व भर में निर्यात किए जाते हैं और इनके स्वाद और सुगंध के कारण संतरा प्रेमी इनको बेहद पसंद करते हैं। स्वच्छ, सुंदर नागपुर देश के हरित शहरों में प्रमुख है। नागपुर की स्थापना 17वीं शताब्दी में देवगढ़ के गोंड राजा बख़्त बुलंद शाह ने की थी। शहर के हृदयस्थल में सिंहासन पर विराजमान राजा बुलंद शाह की मूर्ति इस इतिहास की गवाह है। 18वीं शताब्दी में मराठा राजा रघुजी भोंसले ने यह रियासत संभाली और नागपुर को अपनी राजधानी बनाया। महल नाम से संबोधित पुराना नागपुर प्राचीन स्थापत्य की गौरवमयी धरोहर है। यहां की सड़कें, राजमहल और इमारतों के अवशेष भोंसले राजा की संस्कृति और परंपरा के साक्षी हैं। नागपुर रेलवे स्टेशन के पास गणेश टेकड़ी, प्राचीन मंदिर है जो नागपुरियों के लिए महत्वपूर्ण है। बालाजी मंदिर, पोद्दारेश्वर राम मंदिर, रामटेक भी दर्शनीय, ऐतिहासिक गौरवशाली धरोहरें हैं। मराठी यहां बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है।

शून्य-मील का पत्थर

Advertisement

नागपुर में देश का एकमात्र ‘शून्य-मील का पत्थर’ (जीरो माइल) स्थित है जो भारत के भौगोलिक केंद्र का पता लगाने वाला एकमात्र स्मारक है। इसे अंग्रेजों ने बनवाया था, जो इस बिंदु की मदद से सारे भारत की दूरी नापते थे। इसमें चार घोड़े और बलुआ पत्थर से बने स्तंभ हैं। समृद्ध इतिहास वाला नागपुर सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व का शहर रहा है, जिसने 2002 में अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे किए हैं। नागपुर ने व्यवसाय, शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान आदि क्षेत्र में अप्रत्याशित प्रगति की है और चहुंमुखी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। अच्छा भौगोलिक स्थान होने के कारण यहां निवेश के लिए भी अत्यधिक प्रतिस्पर्धा है। मिहान आर्थिक निवेश से संबंधित सबसे बड़ी परियोजना है जिसमें बोइंग द्वारा निर्मित रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधा, शंघाई के बाद दुनिया में दूसरी ऐसी सुविधा है। नागपुर की गिनती सर्वाधिक सुरक्षित शहरों में होती है इसलिए देश की अधिकांश स्वर्ण संपत्ति भारतीय रिजर्व बैंक की नागपुर शाखा में रखी जाती है।

राजनीति का गढ़

दीक्षाभूमि बौद्ध धर्म का सबसे विशाल स्तूप और धार्मिक स्थल है जहां डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ने लाखों लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। ये धार्मिक क्रांति का प्रतीक और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. के.बी. हेडगेवार ने जन्मस्थली नागपुर में स्वयंसेवक संघ की महल क्षेत्र में स्थापना की थी। सीताबर्डी किला, शहर को पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में विभाजित करता है। यह युद्ध और फौजी स्थल का आकर्षक स्मारक है। यहां गांधीवादियों, समाजवादियों और वामपंथियों की भी पैठ रही है।

शिक्षा में अग्रणी

उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के क्षेत्र में नागपुर सदा अग्रणी रहा है। तीन चिकित्सा महाविद्यालय, एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कई इंजीनियरिंग महाविद्यालय, एम्स, आइआइएम जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों ने नागपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अतिशय ख्याति दिलाई है। नागपुर में स्थित रिजर्व बैंक, रेलवे स्टेशन, न्यायालय की भव्य इमारतें, ब्रिटिश काल की स्थापत्य कला की दुर्लभ मिसालें हैं। शहर से लगा हुआ जंगल का क्षेत्र, अंबाझरी झील, पर्वत, पठार, प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत नजारे हैं, जो नागपुर की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। नागपुर तेजी से विकसित हो रहा महानगर है।

सुबह की शुरुआत तर्री पोहे के साथ

नागपुरकरों की सुबह नाश्ते में तर्री पोहा के साथ होती है जो हर दूसरे ठेले पर बिकता है। साओजी और वरहाडी नागपुर का पारंपरिक भोजन है। साओजी भोजन पकाने की अनूठी विधि नागपुर से प्रारंभ हुई। विशेष मसालों के कारण इसे बेहद सराहा जाता है। पाटोड़ी, बैंगन, मटन आदि साओजी में बनाई जाने वाली रसेदार तरकारियां हैं। यहां उपलब्ध स्वादिष्ट मराठी व्यंजनों की लंबी सूची है। मीठे में मोदक, पूरन पोली, शीरा, श्रीखंड और नमकीन में झुनका-भाकर, थालीपीठ, पिठला, वड़ापाव, मिसल पाव, साबूदाना खिचड़ी, वरण, चटपटे ठेचा आदि का वर्षपर्यंत रसास्वादन किया जा सकता है।

हल्दीराम के व्यंजन

विश्वप्रसिद्ध हल्दीराम की शुरुआत शिवकिशन अग्रवाल ने नागपुर से की थी। हल्दीराम ब्रांड के अंतर्गत सौ से अधिक मिठाइयों, नमकीन, सुस्वादु आलू भुजिया एवं स्वल्पाहार उत्पादों का निर्माण होता है। इनके कई रिटेल चेन स्टोर और अधिकांश शहरों में रेस्तरां हैं।

लोक कलाओं का उत्सव

नागपुर में वर्ष पर्यंत आयोजित विविध त्योहारों के कारण उत्सवी माहौल रहता है। नागपुर का पारंपरिक कला नृत्य, गोविंदा नृत्य, लावणी और पोवड़ा जातीय लोक नृत्य यहां की कला संस्कृति को दर्शाते हैं। नागपुर साउथ-सेंट्रल जोन फेस्टिवल और ऑरेंज सिटी फेस्टिवल की मेजबानी करता है जहां दूर-दूर से आकर लोग भाग लेते हैं। काली-पीली मारबत महोत्सव, बुरी ताकतों और बीमारियों को दूर रखने के लिए हर वर्ष मनाया जाता है। यहां नवरात्रि, दीपावली, ईद और क्रिसमस सांप्रदायिक सद्भाव के साथ मनाते हैं। कालिदास महोत्सव, नारंगी शहर शिल्प मेला, लोक नृत्य महोत्सव और धम्म-चक्क-प्रवर्तन दिवस उल्लेखनीय त्योहार हैं। किसी शहर में आने वाले आगंतुकों को मेजबान से जिस आतिथ्य सत्कार और गर्मजोशी की दरकार रहती है, वह यहां पर्यटकों को भरपूर मिलता है।

पर्णिका हर्डे

(युवा लेखिका, अर्थव्यवस्था पर आधारित टीवी शो द गेम चेंजर्स की होस्ट)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: पर्णिका हर्डे, नागपुर शहर के बारे में, नागपुर और राजनीति, शहरनामा, Parnika Harde, About Nagpur City, Nagpur and Politics, Shaharnama
OUTLOOK 29 October, 2021
Advertisement