बजट 2020 : मिडिल क्लास को टैक्स छूट, कॉरपोरेट को DDT से राहत, किसान के लिए 16 प्वाइंट एजेंडा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण पेश कर दिया है। वित्त मंत्री ने बजट को यह कहते हुए पेश किया कि उसकी थीम, प्रेरणादाय- मजबूत इकोनॉमी और सबका हितैषी है। वित्त मंत्री ने जहां मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में 5-10 फीसदी तक की छूट दी है, वहीं डीडीटी को खत्म कर कॉरपोरेट सेक्टर को भी राहत देने की कोशिश की है। इसके अलावा ग्रामीण भारत में तेजी लाने के लिए किसानों के लिए 16 प्वाइंट एजेंडा भी पेश किया है। आइए जानते हैं कि बजट की प्रमुख बातें..
नया टैक्स रेट
इनकम |
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मौजूदा टैक्स रेट |
नया टैक्स रेट |
5 लाख रु तक |
0 % |
0% |
5 लाख से ज्यादा और 7.5 लाख रु तक |
20 % |
10% |
7.5 लाख से ज्यादा और 10 लाख रु तक |
20 % |
15% |
10 लाख से ज्यादा और 12.5 लाख रु तक |
30 % |
20% |
12.5 लाख से ज्यादा और 15 लाख रु तक |
30 % |
25% |
15 लाख रुपये से ज्यादा |
30 % |
कोई बदलाव नहीं |
- सरकार को इनकम टैक्स में हुई कटौती से करीब 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा
- 12.5-15 लाख रुपये तक की इनकम पर अब 25 फीसदी टैक्स देना होगा
-10-12.5 लाख रुपये तक की इनकम पर अब 20 फीसदी टैक्स देना होगा
- 7.5-10 लाख रुपये तक की इनकम पर अब 15 फीसदी टैक्स देना होगा
- 5-7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा
- 5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
- 15 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर 30 फीसदी का टैक्स बरकरार
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- इन्स्टैंट पैन कार्ड देने का सिस्टम होगा लांच
- फुटवियर और फर्नीचर पर हेल्थ सेस लगेगा
- अफोर्डेबल हाउसिंग को बूस्ट के लिए 1.5 लाख रुपये तक एडिशनल टैक्स छूट की सीमा मार्च 2021 तक बढ़ी
- कंपनियों को अब नहीं देना होगा डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स, सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व का होगा नुकसान
-टैक्स विवाद के लिए नई डिजिटल स्कीम होगी लांच, विवाद से विश्वास होगा नाम
- इंफ्रास्ट्क्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश पर सॉवरेन वेल्थ फंड को 100 फीसदी टैक्स छूट
- आईडीबीआई बैंक का होगा विनिवेश
- इनकम टैक्स के लिए नया स्लैब रेट का ऐलान
- सरकार ने 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान बढ़ाया, यह 3.3 फीसदी से बढ़कर 3.8 फीसदी होगा
- 2020-21 के लिए नॉमिनल ग्रोथ रेट 10 फीसदी रहने का अनुमान
- भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में हिस्सेदारी घटाएगी सरकार
-कॉरपोरेट बांड में एफपीआई निवेश की सीमा बढ़कर 15 फीसदी हुई
- छोटे और मझोले उद्योगों को कैपिटल पूंजी में राहत के लिए फैक्ट्री रेग्युलेशन एक्ट-2007 में होगा बदलाव
- जम्मू-कश्मीर के लिए 30757 करोड़ रुपये और लद्दाख क्षेत्र के लिए 5958 करोड़ रुपये का आवंटन
- बैंकों में जमा पूंजी पर 5 लाख रुपये तक इन्श्योरेंस गारंटी मिलेगी, अभी एक लाख रुपये की लिमिट है
- नॉन गजटेड पोस्ट की भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूमेंट एजेंसी का होगा गठन
- टैक्स टेररिज्म को नहीं मिलेगा बढ़ावा, सरकार देश के नागरिकों को वेल्थ क्रिएटर मानती है, कंपनी एक्ट में होगा बदलाव
-नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर, योजना के तहत युवा इंजीनियर, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स और इकोनॉमिस्ट को मौका मिलेगा। 6000 किमी लंबे 12 हाईवेज के विकास पर जोर दिया जाएगा।
- 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली शहरों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए एक्शन प्लान बनेगा। इसके लिए 4400 करोड़ रुपये का आवंटन
-हरियाणा के राखीगढ़ी, उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर, असम में शिवसागर, गुजरात में धौलावीरा और तमिलनाडु के आदिचनल्लूर पुरातात्विक स्थलों पर म्यूजियम बनाए जाएंगे।
- मैला ढोले की प्रथा को खत्म करने का ऐलान
-अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण के लिए 85600 करोड़ रुपये का आवंटन
- पोषण मिशन के लिए 35600 करोड़ रुपये का आवंटन
- आंत्रेप्रेन्योरशिप बढ़ाने के लिए सिंगल इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस स्कीम होगी लांच
- बजट में बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओं स्कीम के उल्लेख पर विपक्ष ने की हूटिंग
- देश में डाटा सेंटर पार्क विकसित करने के लिए प्राइवेट सेक्टर के लिए आएगी स्कीम
- 2024 तक उड़ान स्कीम के तहत 104 एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे
-रेलवे ट्रैक के किनारे रेलवे की जमीन पर बड़े सोलर संयंत्र लगाए जाएगी।
- तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेन पर्यटक स्थलों को कनेक्ट करने के लिए चलाई जाएंगी
- निर्यातकों के लिए डिजिटल रिफंड स्कीम का ऐलान
- तीन साल में सभी राज्यों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
- छोटे और मझोले उद्योगों के लिए आएगी नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी
- नेशनल टेक्सटाइल मिशन के लिए 14800 करोड़ रुपये का आवंटन
- स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12300 करोड़ रुपये का आवंटन
- नई शिक्षा नीति का जल्द होगा ऐलान
- नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव
- एजुकेशन सेक्टर के लिए 99300 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा, कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ का आवंटन
- जल जीवन मिशन के लिए 3600 करोड़ का आवंटन
- जल संकट का सामना कर रहे 100 जिलों में के लिए विशेष योजना
- हेल्थ केयर सेक्टर के लिए 69 हजार करोड़ का आवंटन
- 2024 तक सभी जिलों में खुलेंगे जनऔषधि केंद्र
- आयुष्मान स्कीम का होगा विस्तार, 112 जिलों पर होगा फोकस
- प्रेरणापरक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार ने बनाया 16 प्वाइंट एजेंडा
-अप्रैल से जीएसटी रिटर्न भरना होगा जाएगा, आएगा सिंपल रिटर्न फाइलिंग सिस्टम
-सरकार का कर्ज मार्च 2014 के 52.2 फीसदी की तुलना में घटकर मार्च 2019 में 48.7 फीसदी हुआ
-किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने पर सरकार कायम है। इसके लिए पीएम कुसुम स्कीम, रेल किसान और कृषि उड़ान जैसी स्कीम चलाई जाएगी। जो 16 प्वाइंट एक्शन प्लान के तहत काम करेंगे। 20 लाख किसानों को दिए जाएंगे सोलर पंप
- चार साल में 60 लाख नए करदाता जोड़े गए
-जीएसटी एक ऐतिहासिक फैसला रहा
- हमारे अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत
- वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश कर दिया है। अभी वो बजट भाषण दे रही हैं।
10:50 AM- कैबिनेट ने बजट 2020 को मंजूरी दे दी है। बस कुछ देर में वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करेंगी।
10:30 AM- संसद भवन वित्त मंत्री सीतारमण पहुंची, कैबिनेट की बैठक शुरू
- वो एक बार फिर ‘बही-खाते’ के साथ संसद भवन बजट पेश करने के लिए पहुंची है। साथ ही केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी संसद भवन पहुंच चुके हैं।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स के साथ-साथ ग्रामीण इलाके, कृषि क्षेत्र और रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए कुछ अहम ऐलान कर सकती हैं। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार यानी 31 जनवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 जारी किया। सर्वेक्षण 2019-20 में भारत के आर्थिक विकास दर का अनुमान 6 से 6.65 फीसदी लगाया गया।
10:00 AM- राष्ट्रपति से मिलीं वित्त मंत्री
लोकसभा में बजट पेश करने से पहले हर बार की तरह वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। बजट को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है और अब केंद्रीय कैबिनेट में बजट पास होगा।
बजट से पहले बोले अनुराग ठाकुर- यह बजट सबके लिए अच्छा होगा
बजट पेश होने से पहले केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास में यकीन रखती है। हमें देश भर से सुझाव मिले हैं। हमारी सरकार प्रयास कर रही है कि यह बजट सबके लिए अच्छा हो।
काफी अहम है ये बजट
बीते दशक के सबसे बड़ी आर्थिक मंदी झेल रहे भारत के लिए यह बजट काफी अहम है। सरकारी सूत्रों और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, वित्त मंत्री इस बजट में उपभोक्ताओं की मांग और निवेश को ध्यान में रखते हुए नया रास्ता खोलेंगी। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि निर्मला सीतारमण अपने बजट में देश के आर्थिक विकास और 2025 तक पांच ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कुछ अहम घोषणा कर सकती हैं।
टैक्स में कटौती की उम्मीद
टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किए जाने की जरूरत है। अब 5-10 लाख के स्लैब पर टैक्स 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किए जाने की मांग है। 10 लाख से 20 लाख की आमदनी पर टैक्स का दायरा 30 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किए जाने की डिमांड है और 20 लाख से ज्यादा आमदनी पर 30 परसेंट टैक्स की डिमांड है। मध्यम वर्ग खासकर नौकरीपेशा लोगों को मंदी के साए में टैक्स कटौती की उम्मीद है। इस समय अर्थव्यवस्था में मौजूदा नरमी की बड़ी वजह डिमांड में आई कमी है। सप्लाई के मोर्चे पर किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
डायरैक्ट टैक्स कमेटी ने की सिफारिश
पिछले साल ही डायरैक्ट टैक्स कोड पर बनी कमेटी ने सरकार से सिफारिश की थी कि आयकर के स्लैब में परिवर्तन किया जाए। कमेटी ने सिफारिश की थी कि टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 6.25 लाख रुपये किया जाना चाहिए। अभी 5 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री है। सूत्रों के मुताबिक, डायरैक्ट टैक्स पर बनी इस कमेटी ने 2.50 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 10 फीसदी, 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की है।
सर्वदलीय बैठक हुई
संसद के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
विपक्षी दलों ने की इन मुद्दों को उठाने की मांग
जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखें कि भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है। संसद के 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनपीआर, एनआरसी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, कश्मीर की स्थिति सहित कई मुद्दे उठाए और इन पर चर्चा कराने की मांग की।
कैसे पूरा होगा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना?
इस वक्त देश की करीब 2.9 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है। जानकारों का मानना है कि 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सालाना जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी होनी चाहिए, लेकिन पिछले वित्तवर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी थी। मौजूदा वित्तवर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भी जीडीपी ग्रोथ रेट 6 से साढ़े 6 फीसदी रहने का अनुमान है। इस हिसाब से देखें तो फिर अगले 3 साल में जीडीपी ग्रोथ रेट का लक्ष्य सालाना 8 फीसदी से भी ऊपर पहुंच जाएगा।