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07 February 2020

वित्त मंत्रालय को उम्मीद- 80 फीसदी करदाता आयकर का नया ढांचा अपनाएंगे

वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि कम से कम 80 फीसदी करदाताओं नया कर ढांचा अपनाएंगे। नए कर ढांचे में पांच लाख रुपये तक आयकर नहीं लगेगा लेकिन उन्हें किसी तरह की रियायत, छूट या कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। इससे करदाताओं को आयकर बचाने के लिए बचत या निवेश करने की अनिवार्यता से राहत मिल जाएगी।

11 फीसदी करदाताओं के लिए पुराना ढांचा लाभकारी

राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा है कि सरकार द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार 5.78 फीसदी करदाताओं में से 69 फीसदी करदाताओं को नए कर ढांचे में फायदा मिलेगा जबकि 11 फीसदी के लिए पुराना ढांचा लाभकारी रहेगा। बाकी 20 फीसदी लोग कागजी औपचारिकताओं से बचने के लिए नए कर ढांचे को अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कैच-22 की स्थिति में थी क्योंकि वह चाहती थी कि लोगों को आयकर में राहत मिले और प्रक्रिया आसान हो। लेकिन सरकार व्यवस्था को बाधित नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने करदाताओं के सामने दोनों विकल्प दिए हैं।

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90 फीसदी कंपनियों ने भी छूट मुक्त ढांचा अपनाया

पांडेय ने कहा कि कंपनियों को भी इसी तरह का विकल्प पिछले साल सितंबर में दिया गया। 90 फीसदी कंपनियों ने कम टैक्स रेट वाले छूट मुक्त ढांचे का चयन किया है। व्यक्तिगत आयकर के नए ढांचे से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिलेगा।

नए कर ढांचे में 15 लाख तक आय वालों को बचत

सरकार ने 15 लाख रुपये तक आय पाने वालों के लिए कम टैक्स वाले छूट मुक्त ढांचे की घोषणा की है। नया कर ढांचा करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगा। अगर वे चाहें तो मौजूदा छूट और कटौती का लाभ पाने के लिए मौजदा ढांचा अपना सकते हैं या फिर नए ढांचे में जा सकते हैं। पांच लाख रुपये तक आय वालों को नई और पुरानी कर व्यवस्था में कोई टैक्स अदा नहीं करना होगा। पुराने ढांचे मे आयकर छूट सीमा पहले की तरह ढाई लाख रुपये ही रहेगी लेकिन वे रियायतों और कटौती के जरिये टैक्स बचा सकते है। वैसे ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स देय है।

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TAGS: new tax regime, Finance ministry, taxpayers, income ta, budget
OUTLOOK 07 February, 2020
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