Advertisement
14 June 2019

प्री बजट मीटिंग: बीमारियों की जांच मुफ्त करने से लेकर पीपीपी मॉडल में अस्पताल खोलने की मांग

केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने आज सामाजिक क्षेत्र समूहों के हितधारकों के साथ बजट पूर्व  बैठक की। इस बैठक में प्रमुख रूप से वित्त मंत्री को बजट में चिकित्सा उपकरणों पर लगने वाले कर में कमी लाने के सुझाव दिए गए हैं। इसके अलावा इलाज के बढ़ते खर्च को देखते हुए मुफ्त दवाओं और बीमारियों की जांच सुविधा को मुफ्त करने की मांग भी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने की है।

चिकित्सा उपकरण पर कम लगे कर

बैठक में सामाजिक क्षेत्र के हितधारकों ने कई सुझाव दिए। इसमें शिक्षा और स्वच्छता पर विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करने, शहरों का ऑडिट करना, महिलाओं सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सुरक्षा के बीच आने वाली कठिनाइयों की पहचान करने के साथ चिकित्सा संबंधी उपकरण पर समझदारी से कर लगाने की भी अनुशंसा की गई। बजट पूर्व हुई इस बैठक में शिशुओं और गर्भवती माताओं के पोषण के लिए भी बजट आवंटन में बढ़ोतरी की बात की गई है। इसके साथ ही सभी जिलों में महिलाओं के लिए वन-स्टॉप सेंटर, स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे में विस्तार का सुझाव भी दिया गया।

Advertisement

 दवाएं और बीमारियों की जांच मुफ्त हो

बैठक में विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों से आए सदस्यों, पदाधिकारियों ने कहा कि मुफ्त दवाओं का वितरण और बीमारियों की जांच की सुविधा मुफ्त करने के साथ माध्यमिक और तृतीयक हेल्थकेयर सेक्टरों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इन केंद्रों को इलेक्ट्रॉनिक और ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के साथ जोड़ा जाना चाहिए। बैठक में वर्ग विशेष के लिए मॉडल स्कूलों के निर्माण पर सुझाव दिए गए। इसमें मेट्रिक के बाद छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवंटन राशि में वृद्धि, शिक्षकों की भागीदारी के लिए पुरस्कारों को प्रोत्साहन देना पर भी विचार किया गया।

बालश्रम और बच्चों में खान-पान की आदतें

बैठक में बाल श्रम पर भी चिंता जाहिर की गई। सदस्यों का कहना था कि बालश्रम पर बात होने के साथ-साथ से बच्चों में खाने-पीने की आदतों में भी सुधार की जरूरत है। बच्चों में फल और सब्जियों के खाने की आदतों को बढ़ाने के लिए बाजार में मिलने वाले मीठे-नमकीन उत्पादों पर ज्यादा टैक्स वसूलने का सुझाव भी दिया गया। इन सब के साथ युवाओं के बीच सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना, अपशिष्ट जल को रीसाइक्लिंग करना और वर्षा जल को सिंचित करने के लिए राजकोषीय बढ़ावा देना, खुले में शौच मुक्त पंचायतों की तर्ज पर कुपोषण मुक्त पंचायतों की घोषणा करना जैसे विषयों पर भी सुझाव रखे गए। इस बैठक में विशेष स्कूल और पुर्नवास केंद्र खोलने के लिए भी सदस्यों ने सुझाव रखे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: FM, nirmal sitaraman, Pre-Budget, Social Sector
OUTLOOK 14 June, 2019
Advertisement