मजदूरों के लिए पेंशन स्कीम, 60 साल के बाद तीन हजार रुपये प्रतिमाह
अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बड़ी घोषणा की। कम आमदनी वाले श्रमिकों के लिए सरकार गारंटेड पेंशन स्कीम लेकर आई है। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा करते हुए गोयल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को साठ साल की उम्र के बाद हर महीने 3,000 रुपए पेंशन मिलेंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि घरेलू कामगार, ड्राइवर, प्लंबर वगैरह भी अब साठ साल की उम्र के बाद पेंशन पा सकेंगे।
योजना का लाभ उठाने के लिए मजदूरों से हर महीने 55 से 100 रुपए का योगदान लिया जाएगा। यह योजना लेते वक्त उनकी उम्र पर निर्भर करेगा। सरकार हर महीने कामगार के पेंशन खाते में बराबर राशि जाम करेगी। 60 वर्ष की आयु के बाद मजदूर इस पेंशन योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना चालू वित्त वर्ष से ही लागू की जाएगी।
सबसे बड़ी स्कीम
गोयल ने कहा कि अगले पांच साल में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ लोगों के इस योजना का लाभ उठाने की उम्मीद है। इससे यह दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन स्कीमों में से एक बन जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत के जीडीपी का आधा हिस्सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों से बनता है जो रेहड़ी वाले, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य में लगे मजदूर, कूडा बीनने वाले, कृषि कामागार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इस तरह के अन्य व्यवसाय से जुड़े हैं। घरेलू कामगारों की संख्या भी काफी बड़ी है।
अब छह लाख मुआवजा, ग्रेच्युटी डबल
वित्त मंत्री ने काम के दौरान किसी मजदूर की मौत पर ईपीएफओ की तरफ से मिलने वाला मुआवजा 2.5 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए करने की भी घोषणा की। इसके साथ ही जिनका ईपीएफ कटता है उनको 6 लाख रुपए बीमा का भी लाभ मिलेगा। 21 हजार तक के वेतन वाले मजदूरों का बोनस 7 हजार रुपए होगा। पहले दस हजार रुपए प्रतिमाह पाने वाले श्रमिकों को ही 35 सौ रुपए बोनस मिलता था। श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये तय की गई है। ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख रुपए कर दी गई है।
न्यू पेंशन स्कीम
गोयल ने कहा कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद उसकी सिफारिशें जल्द से जल्द लागू की जाएंगी। न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में कर्मचारियों का अंशदान दस फीसदी रखते हुए सरकार ने अपना योगदान चार फीसदी बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है। गोयल ने बताया कि बीते पांच साल के दौरान सभी श्रेणी के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 42 फीसदी की वृद्धि हुई है जो आज तक सर्वाधिक है। आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत सभी श्रेणियों के मानदेय में करीब पचास फीसदी का इजाफा भी किया गया है।
दो करोड़ नए अकाउंट
माना जा रहा है कि चुनाव से पहले गरीब और मजदूर तबके की नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार गारंटेड पेंशन योजना लेकर आई है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में रोजगार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के सभी नेताओं की तरफ से हमला किया जाता रहा है। लेकिन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए दावा किया कि ईपीएफओ अकाउंट में 2 करोड़ नए नाम जुड़े हैं।