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05 July 2019

अंतरिम से पूर्ण बजट तक, इस तरह बदल गया सरकार का आर्थिक नजरिया

मोदी सरकार ने आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग को कर रियायतें देने और गरीबों को राहत देने की घोषणाएं की थीं, जबकि आज पेश हुए पूर्ण बजट में कंपनियों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने और अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया।

कंपनी जगत को राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कॉरपोरेट टैक्स की 25 फीसदी दर 400 करोड़ रुपये तक कारोबार वाली कंपनियों पर लागू करने का प्रस्ताव किया है। पहले 250 करोड़ रुपये तक कारोबार वाली कंपनियां इसके दायरे में थीं। सरकार ने दो करोड़ रुपये से ज्यादा आय पाने वालों पर सरचार्ज बढ़ा दिया।

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आम लोगों को होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन

करदाताओं को आयकर विभाग की वेबसाइट पर उनके रिटर्न फार्म में काफी जानकारियां पहले से भरी मिलेंगी। इससे रिटर्न में गलती होने की संभावना कम होगी। मध्यम वर्ग के करदाताओं को भी एक राहत मिली कि उन्हें होम लोन पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ मिलेगा, बशर्ते मकान की कीमत 45 लाख रुपये तक हो। रिटर्न फाइल न करने वालों पर केस दर्ज करने के लिए कर सीमा बढ़ा दी गई है।

अंतरिम बजट में मिली थी बड़ी राहत

अंतरिम बजट में सरकार ने पांच लाख रुपये तक आय वालों को कर से राहत दी थी। इस तरह अगर किसी की आय 6.50 लाख रुपये तक हैं तो छूट और डिडक्शन का फायदा उठाने के बाद इस नई राहत पाने का हकदार हो गया। सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था। इस तरह सरकार ने करीब तीन करोड़ करदाताओं को 23,000 करोड़ रुपये की राहत दी थी। इसके अलावा बैंक और पोस्ट ऑफिस से ब्याज पर टीडीएस कटौती के लिए सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये की गई थी।

श्रमिकों की पेंशन का दायरा बढ़ा

बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन स्कीम में करीब 30 लाख कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। इसमें उन्हें 3000 रुपये मासिक पेंशन 60 साल की उम्र होने पर मिलेगी। अंतरिम बजट में असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन की योजना लांच की गई थी। करीब 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को पीएम किसान स्कीम के तहत 6000 रुपये सालाना देने की घोषणा की गई थी। किसानों को आपदा स्थिति में कर्ज पर ब्याज में छूट दी गई थी।

रेलवे में सिर्फ भविष्य का खाका

2018 से 2030 के बीच रेलवे के बुनियादी ढांचे में 50 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत बताई गई। पूरे देश में 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क तैयार होने की उम्मीद जताई गई है। जबकि अंतरिम बजट में रेलवे को पूंजीगत खर्च के लिए 64,587 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव था।

छोटे कारोबारियों की मिली पूर्व घोषित सब्सिडी

जीएसटी में पंजीकृत एमएसएमई को एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज पर दो फीसदी सब्सिडी देने का प्रस्ताव किया गया है। अंतरिम बजट में भी इसकी घोषणा की गई थी। बजट में काजू करनेल, पीवीसी, टाइल्स, ऑटो पार्ट्स, मार्बल स्लैब, ऑप्टिकल फाइबर केबल, सीसीटीवी कैमरा पर शुल्क बढ़ाया गया है। कई तरह की एक्साइज की रियायतें वापस ले ली गई हैं।

विनिवेश का लक्ष्य बढ़ाया सरकार ने

वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 105,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है जबकि अंतरिम बजट में 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। सरकार ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए खाका पेश किया। जबकि अंतरिम बजट में पांच साल में अर्थव्यवस्था बढ़कर पांच ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) की होने का संभावना जताई थी। उसके आठ साल बाद 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाया था।

राजकोषीय घाटा और कम होगा

सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा थोड़ा घटने का अनुमान लगाया है। उसने जीडीपी के मुकाबले 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जबकि अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.4 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में तीन फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। जबकि चालू खाता घाटा 2.5 फीसदी रहने का अनुमान था। हालांकि कुल व्यय 27.84 लाख करोड़ रुपये पर अपरिवर्तित रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष से 13 फीसदी अधिक होगा।

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TAGS: budget, tax, income tax, sitharaman
OUTLOOK 05 July, 2019
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