अंतरिम बजट 2019 से ये हैं 7 बड़ी उम्मीदें, क्या पूरी करेंगे पीयूष
मोदी सरकार शुक्रवार यानि 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। लोकसभा में अरुण जेटली की जगह वित्त मंत्रालय संभाल रहे पीयूष गोयल इस बार बजट पेश करेंगे। ये बजट एक सीमित अवधि यानि कि नई सरकार बनने तक के लिए ही पेश होगा इसके बाद नई सरकार आएगी और नया बजट पेश होगा। वहीं, इस बजट से हर वर्ग को कुछ ना कुछ उम्मीदें जरूर है। उम्मीद है कि सरकार अंतरिम बजट में किसानों, मध्यम वर्ग, कारोबारियों और युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान कर सकती है। लोकसभा में सुबह 11 बजे अंतरिम बजट पेश होगा।
माना जा रहा है कि मोदी सरकार बजट में यूनिवर्सल बेसिक इनकम का ऐलान कर सकती है। हाल ही में राजस्थान सरकार ने इसे लागू किया है। इसके अलावा इनकम टैक्स में छूट की लिमिट को भी बढ़ाया जा सकता है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की एनडीए सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह अंतिम बजट होगा। पिछले सप्ताह ही रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अंतरिम प्रभार भी दिया गया है। इससे पहले वित्त मंत्री रहते हुए जेटली ने पांच बजट पेश किए हैं।
महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों, व्यापारियों, किसानों और सैलरी क्लास हर किसी को बजट से कुछ ना कुछ जरूर चाहिए। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि हर वर्ग को अंतरिम बजट 2019 से क्या आशाएं हैं-
किसानों को उम्मीद
बजट 2019 से ये उम्मीद लगाई जा रही है कि उसमें किसानों को लेकर कुछ नई घोषणा होगी। जहां राहुल गांधी का तीन विधानसभा चुनाव जीतने का श्रेय किसानों की कर्जमाफी को दिया जा रहा है, वहीं ऐसा हो सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले मोदी सरकार किसानों के खुश करने के लिए कई तरह की सब्सिडी और स्कीम लॉन्च कर दे। लंबे समय से पेंडिग पड़ी हुई डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम भी लागू की जा सकती है। पहले इसके पाइपलाइन में फंसने की कई वजह थीं, जैसे सरकार के पास डायरेक्ट ट्रांसफर के हिसाब से रिसोर्स नहीं हैं और दूसरे ऐसी स्कीम को लाना है जिससे बिना जमीन वाले किसानों को भी स्कीम की राहत मिल सके।
इसी के साथ, ऐसे किसान जिनके पास जमीन नहीं है उनके लिए मिनिमम गारंटी स्कीम भी लॉन्च की जा सकती है। अगर ये स्कीम लॉन्च हो जाती है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव 2019 में पड़ने वाला है। इसके अलावा, सब्सिडी स्कीम आदि जैसे पिछली बार बहुतायत में आई थी, वैसे ही अगर इस बार भी आ जाती हैं तो फायदा सरकार को मिलेगा पर इससे सरकारी खजाने में अतिरिक्त भार भी पड़ेगा।
बजट में फसल ऋण चुकाने वाले किसानों का ब्याज माफ करने का प्रस्ताव भी शामिल है। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त 15 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। खाद्य फसलों के लिए बीमा पॉलिसी लेने वालों किसानों के लिए पूरी तरह से प्रीमियम माफ करने का भी प्रस्ताव है।
छोटे व्यापारियों के लिए नई स्कीम
पहले नोटबंदी और दूसरे जीएसटी की मार झेल रहे छोटे और मध्यमवर्गीय व्यापारियों के लिए स्कीम लाना इस बार मोदी सरकार के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। लगभग हर वर्ग ये उम्मीद कर रहा है कि उनके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स स्लैब में थोड़ा फर्क पड़ेगा और उन्हें राहत मिलेगी। छोटे व्यापारियों के लिए बेहतर लोन के विकल्प लाने के साथ-साथ टेक्स रेट कम करना और कुछ सब्सिडी प्रदान करना एक अच्छा तरीका हो सकता है इन्हें रिझाने के लिए। ये न सिर्फ व्यापारियों के लिए बेहतर होगा बल्कि सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम के लिए भी अच्छा होगा।
इनकम टैक्स स्लैब मे छूट की उम्मीद
सैलरी क्लास को केवल एक ही चीज की उम्मीद है कि उसे इनकम टैक्स स्लैब मे छूट मिले। लोगों में आस है कि 2.5 लाख रु. की टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 3 लाख कर दिया जाए। पिछले बजट में 2.5 लाख रु. से 5 लाख रु. प्रति वर्ष की आय सीमा में आने वाले लोगों के 10% इनकम टैक्स रेट को घटाकर 5% कर दिया गया था। जबकि 5 लाख रु. से 10 लाख रु. की आय सीमा में आने वाले लोगों को 20 फीसदी इनकम टैक्स देना होता है। लेकिन अब लोगों को उम्मीद है कि इसमें कुछ रियायत दी जाए।
बजट में आयुष्मान भारत योजना के लिए अलग से भारी फंड की व्यवस्था
भारत एक ऐसा देश है जहां स्वास्थ्य संबंधित सामान खरीदने के लिए सबसे ज्यादा कस्टम ड्यूटी देनी होती है। ऑर्थोपेडिक उपकरणों, आर्टिफीशियल अंगों और ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों पर 8.25 प्रतिशत ड्यूटी लगती है। इसी जगह श्रीलंका, भूटान, नेपाल जैसे देशों में ये ड्यूटी लगभग न के बराबर है। अगर ये कस्टम ड्यूटी कम हो जाती है तो स्वास्थ्य संबंधित क्षेत्र में न सिर्फ आम लोगों को बहुत राहत मिलेगी बल्कि इससे अलग से सीनियर सिटिजन के लिए स्कीम लाने की समस्या भी कुछ हद तक कम हो जाएगी।
बजट में केंद्र सरकार का खास ध्यान आयुष्मान भारत पर भी होगा। अब तक करीब 7 लाख लोग इस स्कीम का फायदा उठा चुके हैं। मोदी सरकार आयुष्मान भारत का बजट बढ़ाकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस स्कीम का लाभ देने की घोषणा कर सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस बार बजट में आयुष्मान भारत योजना के लिए अलग से भारी फंड की व्यवस्था रहेगी, ताकि ज्यादा लोग इस स्कीम का लाभ उठा सके। पिछले बजट में सरकार ने इसके लिए 1,200 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। इस बार यह राशि 20 फीसदी तक बढ़ सकती है।
युवाओं को बजट से अपेक्षाएं
बात सबसे पहले युवाओं की करते हैं जिनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है बेरोज़गारी है। युवा को बस उम्मीद है कि सरकार नई नौकरियों के अवसर युवओं के लिए लाएं।
महिलाओं को बजट से हैं कई आशा
महिलाओं को भी इस अंतरिम बजट से कई उम्मीदें हैं। सोने के आभूषण से लेकर ग्रोसरी तक..हर चीज़ के दामों में कटौती हर महिला चाहती है। महिलाओं को एजुकेशन लोन पर दिए गए इंटरेस्ट अमाउंट पर, सेक्शन 80E के तहत टैक्स छूट मिलता है। 2006 में इसकी शुरुआत हुई थी लेकिन आज तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन अब महिलाओ को उम्मीद है कि इसकी टैक्स छूट सीमा को अब बढ़ाया जाएगा।
रेल किराए में कमी की उम्मीद
अगर रेल किराए की बात करें क्योंकि रेल बजट भी इसी बजट में शामिल है तो ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मिडिल क्लास को लुभाने के लिए रेल किराए में कमी की जा सकती है। अगर ऐसा नहीं भी किया गया तो भी कई नई स्कीम रेलवे सेक्टर में लॉन्च की जा सकती हैं। पहले ही ट्रेन-10 (वंदे भारत एक्सप्रेस) लॉन्च होने से रेलवे का पहला तोहफा मिल चुका है। अब इस कड़ी को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं ये बजट में देखा जाएगा।
जेटली का संकेत
मोदी सरकार से इस बजट में बड़े-बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है, लेकिन आशंका यह भी है कि अंतरिम बजट की बाध्याताओं के कारण ऐसा संभव न हो। हालांकि, पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा सकती है। इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि इस बार के कृषि संकट और इसका अर्थव्यवस्था पर असर जैसे मुद्दे बजट की प्राथमिकता में शामिल रह सकते हैं।