निर्मला की घर खरीदारों से चालाकी, ऐसे काटेंगी जेब
2019-20 के आम बजट में आम लोगों को टैक्स में कोई खास राहत नहीं मिली है। एक मात्र फायदा सस्ते यानी अफोर्डेबल स्कीम के तहत घर खरीदने वालों के लिए है। वे 1.5 लाख रुपए अतिरिक्त ब्याज पर टैक्स में छूट ले सकेंगे। दूसरी ओर, जो लोग 50 लाख रुपए से अधिक कीमत वाला घर खरीदेंगे, उनकी जेब पर बोझ बढ़ेगा। शादी-ब्याह पर ज्यादा खर्च करने वालों पर भी टैक्स का बोझ बढ़ेगा।
टीडीएस के लिए घर की कीमत में पार्किंग और क्लब मेंबरशिप फीस भी शामिल
घर खरीदते समय टैक्स की गणना के लिए क्लब मेंबरशिप, कार पार्किंग, मेंटिनेंस फीस आदि को भी जोड़ना होगा। बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है, जो 1 सितंबर 2019 से लागू होगा। अभी 50 लाख रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी लेने पर खरीदार को 1 फीसदी टीडीएस काटना पड़ता है। लेकिन सिर्फ घर की कीमत पर टैक्स की गणना की जाती है। सितंबर से कीमत में पार्किंग, सोसायटी और क्लब मेंबरशिप जैसी फीस भी जुड़ जाएंगी।
अफोर्डेबल हाउसिंग में 3.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत 31 मार्च 2020 तक घर खरीदने वाले को ब्याज पर टैक्स में अतिरिक्त छूट मिलेगी। अभी होम लोन पर 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है। अब 3.5 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट का लाभ ले सकेंगे। अफोर्डेबल स्कीम के तहत घर की कीमत 45 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। खरीदार के नाम पहले से कोई प्रॉपर्टी भी नहीं होनी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 15 साल की लोन अवधि में खरीदार को 7 लाख रुपए का फायदा होगा
कॉन्ट्रैक्टर को 50 लाख से ज्यादा भुगतान किया तो 5 फीसदी टीडीएस काटना होगा
कोई व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार किसी कॉन्ट्रैक्टर या प्रोफेशनल (शादी जैसे समारोह या घर के रेनोवेशन में भी) को साल में 50 लाख रुपए या इससे ज्यादा का भुगतान करता है, तो उसे 5 फीसदी टीडीएस काटना होगा। अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे कॉन्ट्रैक्टर या प्रोफेशनल द्वारा टैक्स चोरी की आशंका रहती है। नया प्रावधान 1 सितंबर से लागू होगा। टीडीएस काटने वाला अपने पैन के साथ टैक्स की रकम सरकार के पास जमा करा सकेगा। इसके लिए उसे अलग टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (टैन) की जरूरत नहीं होगी।
विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए तो रिटर्न फाइल करना जरूर
करदाताओं का संख्या बढ़ाने के लिए कुछ लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी किया गया है। अगर किसी ने करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा किया है, विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया है, बिजली बिल एक लाख रुपए से ज्यादा है, उसके लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा। इसके लिए आयकर कानून की धारा 139 में संशोधन किया जाएगा। अभी कोई इन मदों पर चाहे जितना खर्च करे, लेकिन अगर टैक्सेबल इनकम छूट सीमा के भीतर है तो उसके लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी नहीं है।
करदाताओं को पहले से भरे हुए रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे
बजट में टैक्स रिटर्न फाइलिंग आसान बनाने के उपाय की भी घोषणा की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करदाताओं को पहले से भरे हुए रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें सैलरी, कैपिटल गेन्स, डिविडेंड, बैंक से मिलने वाला ब्याज, टैक्स डिडक्शन आदि की जानकारी होगी। इसके लिए बैंक, स्टॉक एक्सचेंज, म्यूचुअल फंड, ईपीएफओ जैसी जगहों से सूचनाएं ली जाएंगी। सरकार ने हाल ही आईटीआर-1 की ई-फाइलिंग करने वालों को पहले से भरे हुए रिटर्न उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है। इस बार फॉर्म-16 में भी बदलाव किए गए हैं। इसमें ज्यादा जानकारियां मांगी गई हैं।
किसी की जानकारी के बिना उसके खाते में पैसे जमा नहीं करा सकेंगे
किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसके खाते में पैसे जमा कराने पर सरकार अंकुश लगाएगी। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद दूसरों के खाते में पैसे जमा कराने की काफी शिकायतें मिली थीं, खास कर जनधन खातों में। अभी कोई भी व्यक्ति दूसरे खाते में पैसे जमा करा सकता है। इस पर कैसे अंकुश लगाया जाएगा, यह बाद में तय किया जाएगा।