रियल एस्टेट के लिए संतुलित बजट है- अमित मोदी
अमित मोदी के मुताबिक इस साल के बजट में किफ़ायती आवास को ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर’ का दर्जा दिया गया है, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को ‘उद्योग’ जगत का दर्जा न देना निराशाजनक है, क्योंकि रियल एस्टेट उद्योग लम्बे समय से इसी उम्मीद में था। मोदी कहते हैं कि खुशी इस बात की है कि सरकार सभी के लिए आवास के मिशन को लेकर बेहद गम्भीर है। इसी के मद्देनज़र 2019 तक 1 करोड़ घरों को पक्के घरों में बदलने और बिल्ट-अप एरिया को कारपेट एरिया में बदलने का प्रधानमंत्री जी का दृष्टिकोण सराहनीय है, जिससे किफ़ायती आवास के खरीददारों में 30 फीसदी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा अब किफ़ायती आवास परियोजनाएं 801 बी के फायदे प्राप्त करते हुए 3 साल के बजाए 5 साल में पूरी की जा सकती हैं, यह रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए विभिन्न अनुमोदन प्राप्त करने के लिए बेहद ज़रूरी था।
मोदी कहते हैं कि न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ आॅनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेन्स प्रणाली बेहद ज़रूरी थी। इसके अलावा प्रोजेक्ट डिलीवरी में कमी लाने के लिए निर्धारित समय सीमा तय करना बेहद महत्वपूर्ण था। बजट 2017-18 में 1000 करोड़ के आवंटन के साथ मध्यमवर्ग के लिए नई क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के माध्यम से घर के खरीददारों को सस्ती पूंजी उपलब्ध कराने का प्रयास अपने आप में सराहनीय है। लेकिन वहीं व्यक्तिगत कराधान की बात करें तो लाखों खरीददार उम्मीद कर रहे थे कि सरकार कर कटौती की सीमा को मौजूदा 2 लाख रु सालाना से बढ़ाकर 5 लाख रू सालाना के आवास ऋण पर बढ़ाएगी।