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23 July 2015

टॉप 500 में भारत की सिर्फ 7 कंपनियां, चीन की 100

गूगल

भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा हमेशा से भारतीय राष्ट्रवादी मानस का प्रिय विषय रहा है। दोनों देशों के बीच तुलना की जाए तो भारत को चीन से आगे दिखाने वाले आंकड़े प्रमुखता से सामने रखे जाते हैं मगर वैश्विक आंकड़ों को झुठलाना किसी के लिए भी मुश्किल होता है। देश के औद्योगिक विकास के चाहे कितने भी ढोल पीटे जाएं मगर असलियत यह है कि दुनिया की शीर्ष 500 कंपनियों की फार्च्यून पत्रिका की सूची में जहां सिर्फ 7 भारतीय कंपनियों जगह बना पाई हैं वहीं चीन की 100 कंपनियां इस सूची में शामिल हैं। बड़ी कंपनियों के मामले में चीन की तुलना सिर्फ अमेरिका से हो सकती है जिसकी 128 कंपनियां इस सूची में हैं। इस लिस्ट में अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी वालमार्ट शीर्ष पर है।

भारत की बात करें तो इस सूची में सिर्फ दो निजी कंपनियां जगह बना पाईं है और शेष पांच कंपनियों सरकारी क्षेत्र की हैं। इनमें भी चार कंपनियां सीधे और एक कंपनी परोक्ष रूप से पेट्रोलियम के कारोबार से जुड़ी हैं। भारतीय कंपनियों में नंबर एक है 74 अरब डॉलर की सालाना आय वाली इंडियन ऑयल (119वें स्थान पर), 62 अरब डॉलर की आय वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (158वें) दूसरे, 42 अरब डॉलर के साथ टाटा मोटर्स (254वें) तीसरे, 42 अरब डॉलर के साथ भारतीय स्टेट बैंक (260वें) चौथे, 40 अरब डॉलर के साथ भारत पेट्रोलियम (280वें) पांचवें, 35 अरब डॉलर की आय के साथ हिंदुस्तान पेट्रोलियम (327वें) छठे और 26 अरब डॉलर की आय के साथ ओएनजीसी (449वें) सातवें स्थान पर है।

विश्व की इन 500 प्रमुख कंपनियों की सम्मिलित आय 2014 में 31,200 अरब डॉलर रही और मुनाफा 1,700 अरब डॉलर रहा। इस साल की 500 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में वैश्विक स्तर पर 6.5 करोड़ कर्मचारी काम करते हैं और 36 देशों में इनका परिचालन है। इस सूची में शीर्ष पर वालमार्ट है जिसने अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान बरकरार रखा है। इसके बाद चीन की पेट्रोलियम रिफाइनिंग कंपनी साइनोपेक (दो), नीदरलैंड की कंपनी रायल डच शेल (तीन), चीन की नेशनल पेट्रोलियम (चार) और एक्जॉन मोबिल (पांच) का स्थान है। विश्व की 500 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से 128 अमेरिका की हैं जिनमें एपल (15), जेपी मार्गन चेज (61), आईबीएम (82), माइक्रोसाफ्ट (95), गूगल (124), पेप्सी  (141), इंटेल (182) और गोल्डमैन (278) शामिल हैं।

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इस सूची में चीन की 100 कंपनियां हैं जिनमें बैंक आफ चायना, चायना रेलवे इंजीनियरिंग और चायना डेवलपमेंट बैंक शामिल हैं। सूची में इंडियन आयल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और ओएनजीसी पिछले साल के मुकाबले कुछ पायदान नीचे रहे जबकि टाटा मोटर्स और एसबीआई की रैंकिंग में सुधार हुआ। कंपनियों को 31 मार्च, 2015 तक या इससे पहले के पिछले वित्त वर्ष में दर्ज कुल आय के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है।

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TAGS: बड़ी कंपनियां, फॉर्च्यून 500, भारत, चीन, रिलायंस, टाटा, स्टेट बैंक, इंडियन ऑयल, Large companies, Fortune 500, India, China, Reliance, Tata, SBI, Indian Oil
OUTLOOK 23 July, 2015
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