Advertisement
18 August 2015

मूडीज ने दिया झटका, देश की विकास दर का अनुमान घटाया

गूगल

मूडीज ने इसके अलावा सुधार की धीमी प्रक्रिया के कारण वृद्धि के लिए पैदा होने वाले जोखिम के प्रति भी आगाह किया। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2015-16 में कहा, ‘हमने मानसून सत्र में औसत से कम बारिश के मद्देनजर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर करीब सात प्रतिशत कर दिया। हालांकि मौसम की शुरुआत में उतनी बारिश नहीं हुई जितनी कि संभावना थी।’

मूडीज ने कहा है कि भारत की वृद्धि का परिदृश्य मानसून से जुड़े अल्पकालिक प्रभाव को छोड़कर लचीला है। रेटिंग एजेंसी ने 2016 के लिए वृद्धि का अनुमान 7.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। एजेंसी ने कहा हमारे अनुमान के लिए एक प्रमुख जोखिम है सुधार प्रक्रिया का उल्लेखनीय रूप से धीमा होना क्योंकि सरकार की योजना के सबसे कम विवादास्पद पहलुओं को कार्यान्वित किए जाने के बाद सुधार के लिए आवश्यक सहमति में कम आई है। मूडीज ने कहा कि जिंस के आयातक के तौर पर भारत की वृद्धि के परिदृश्य को पिछले साल के मुकाबले जिंस मूल्य में गिरावट से फायदा होगा। साथ ही देश चीन की मांग और आम तौर पर वैश्विक व्यापार वृद्धि में नरमी से थोड़ा प्रभावित हुआ है।

क्रेडिट एजेंसी ने कहा कि आर्थिक गतिविधि, सुधार के उत्तरोत्तर कार्यान्वयन की गति के आधार पर बढ़ती रहेगी जिससे घरेलू और विदेशी निवेश प्रोत्साहित होगा। रपट में कहा गया जिंस मूल्य से जुड़े बड़े झटके या खाद्य मुद्रास्फीति को छोड़ दिया जाए तो हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। मूडीज ने कहा मुद्रास्फीति को पहले के मुकाबले निम्नतर स्तर पर बरकरार रखने से वास्तविक आय और व्यय में मदद मिलेगी। जहां तक केंद्रीय बैंक के लक्ष्य का सवाल है, यह विश्वसनीय है और इससे निवेश प्रोत्साहित होगा क्योंकि भविष्य में आय में वृद्धि और मार्जिन के बारे में ज्यादा स्पष्टता आएगी। वर्ष 2015-16 में वृद्धि को समावेशी राजकोषीय नीति संबंधी पहलों और बजट में सतत आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देने से मदद मिलेगी।

Advertisement

चीन के मामले में मूडीज ने 2015 के लिए 6.8 प्रतिशत और 2016 के लिए 6.5 प्रतिशत और दशक की समाप्ति से पहले छह प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान बरकरार रखा। एजेंसी ने कहा कि हाल में शेयर बाजार में गिरावट का चीन की वृद्धि दर पर कुछ खास असर नहीं होगा। मूडीज ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि अगले दो साल तक नरम रहेगी। एजेंसी ने अनुमान जताया कि जी-20 देशों के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर इस साल 2.7 प्रतिशत रहेगी और 2016 में यह बढ़कर करीब तीन प्रतिशत हो जाएगी जो 2014 में 2.9 प्रतिशत थी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष (साख नीति) मारी दिरों ने कहा, ‘अमेरिका में सुधार और कुछ हद तक यूरो एवं जापान में भी सुधार से चीन की मौजूदा नरमी, लैटिन अमेरिका की कमतर या नकारात्मक वृद्धि की भरपाई होगी। मूडीज ने कहा कि उसे उम्मीद है कि ब्रेंट आयल की कीमत 2016 में 57 डालर प्रति बैरल रहेगी जो 2015 के 55 डालर प्रति बैरल औसत मूल्य से थोड़ा ही अधिक होगा।’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: भारत आर्थिक वृद्धि, मूडीज, चीन, सकल घरेलू उत्पाद, मानसून
OUTLOOK 18 August, 2015
Advertisement