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04 April 2015

कैग ने पकड़ी गुजरात सरकार की गड़बड़ी

आउटलुक

कैग का कहना है कि गुजरात सरकार ने आलोच्य वित्त वर्ष में 1600 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व खर्च को पूंजीगत खर्च के रूप में दिखाया और राजस्व अधिशेष के आंकड़े को बढा-चढाकर पेश किया। कैग ने 2013-14 के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिति पर अपनी ऑडिट रपट में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार भाजपा सरकार ने भारत सरकार लेखा मानक-2 का उल्लंघन किया और राजस्व अधिशेष बढा-चढाकर (2013-14 में 4717 करोड़ रुपये) पेश करने की कोशिश की।

इस ऑडिट रपट को विधानसभा में पेश किया गया है। इसमें कैग ने कहा है, 2009-10 के दौरान गुजरात को राजस्व घाटा था जो कि 2011-12 से 2013-14 के दौरान राजस्व अधिशेष में बदल गया। 2013-14 में राज्य ने 4747 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दिखाया। रपट के अनुसार नियमों के तहत अनुदान सहायता व सब्सिडी को राजस्व खर्च में शामिल किया जाना चाहिए।  लेकिन राज्य सरकार ने गलत ढंग से अनुदान सहायता व सब्सिडी मद के 1633.5 करोड़ रुपये को पूंजीगत व्यय के रूप में दिखाया।

इससे जहां राजस्व खर्च को कम आंका गया वहीं राजस्व अधिशेष बढ गया। इसी तरह 2012-13 में 881.3 करोड़ रुपये व 207.27 करोड़ रुपये की राशि क्रमश: अनुदान सहायता व सब्सिडी के रूप में दी गई, यह राशि विभिन्न खर्च मदों के तहत प्रदान की गई। मार्च 2013 को समाप्त साल के लिए कैग की रपट में इसका उल्लेख था। राज्य के वित्त विभाग ने दिसंबर 2014 में कैग को आश्वस्त किया कि खर्च के लिए बजट अनुमानों की तैयारी में सभी विभागों को खाता मानक- दो नियमों का पालन करने को कहा गया है।

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कैग के अनुसार राजस्व अधिशेष में पूर्व वित्त वर्ष की तुलना में गिरावट आई। 2013-14 में राज्य का राजस्व अधिशेष 4747 करोड़ रुपये दिखाया गया जो कि पूर्व वित्त वर्ष के राजस्व अधिशेष (5570 करोड़ रुपये) की तुलना में 853 करोड़ रुपये की कमी दिखाता है।

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TAGS: गुजरात सरकार, कैग, राजस्व अधिशेष, भाजपा सरकार, विधानसभा, नरेंद्र मोदी
OUTLOOK 04 April, 2015
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