अंतरिक्ष में बिजली संयंत्र बनाएगा चीन
यह योजना कुछ उसी तरह की अभिकल्पना की तर्ज पर लगती है जो विज्ञान कथा लेखक आइजैक असिमोव ने पहली बार 1941 में पेश की थी। चीन के सरकारी समाचार माध्यमों में आई खबरों के मुताबिक यदि इस योजना पर अमल होता है तो यह अपोलो परियोजना और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र जैसी परियोजनाओं से बड़ी होगी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि यह बिजली संयंत्र विशाल सौर पैनल से लैस अंतरिक्षयान होगा। यहां उत्पादित बिजली को माइक्रोवेव तथा लेजर में परिवर्तित कर पृथ्वी पर भेजा जाएगा जहां उसे स्टोर करने की व्यवस्था होगी।
असिमोव की लघु कथा में एक अंतरिक्ष संयंत्र सूक्ष्म तरंगों के जरिए सूर्य से प्राप्त उर्जा का पारेषण करता है। चीन के एक मशहूर संस्थान से जुड़े वांग शी ने कहा कि असिमोव की कथा का वैज्ञानिक आधार है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान में 50 से अधिक साल बिता चुके 93 वर्षीय वांग इस संयंत्र के सबसे बड़े पैरोकार हैं। उन्होंने कहा किआ र्थिक तौर पर व्यवहार्य अंतरिक्ष बिजली संयंत्र, वास्तव में बहुत बड़ा होगा और इसके सौर पैनलों का कुल दायरा पांच से छह वर्ग किलोमीटर होगा। लोग रात को इसे सितारे की तरह देख सकेंगे।