देश के उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे सीएम सोरेन, दिल्ली में 27-28 अगस्त को इन्वेस्टर्स मीट आयोजित
बेरोजगारों को रोजगार के अवसर के लिए नई नियुक्ति नीति लाने के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन प्रदेश में व्यापार-उद्योग का माहौल बनाने में जुटे हैं। झारखंड में व्यापार-उद्योग जगत के लोगों को आमंत्रित करने जा रहे हैं। 27-28 अगस्त को नई दिल्ली में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया है। इस मौके पर वे ''झारखंड इंडस्ट्रियल एंड इनवेस्टमेंट पॉलिसी 2021'' लांच करेंगे। हाल ही कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित नीति को मंजूरी दी गई है।
सरकार झारखंड की सिर्फ खान और खनिज वाली छवि को बदलना और यहां दूसरे क्षेत्रों में भी मौजूद व्यापक संभावनाओं को दिखाना चाहती है। एक दिन पहले ही कैबिनेट ने रांची के बिजूपाड़ा में फार्मास्यूटिकल के लिए फार्मा पार्क बनाने की मंजूरी दी है। दवा कारोबारी निवेश कर सकें इसके लिए कई तरह की छूट का प्रावधान किया गया है। मीट के दौरान हेमन्त उद्यमियों को अपनी नीति और उसमें राहत के व्यापक प्रावधान के बारे में बतायेंगे। संभव है तत्काल कुछ बड़े घरोने के साथ समझौता मसविदा (एमओयू) पर दस्तखत भी हों। सूत्रों के अनुसार सरकार की योजना कोई एक लाख करोड़ से अधिक के निवेश लाने की है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का मानना है झारखंड में औद्योगिक निवेश की अपार संभावनाएं हैं। निवेश की चाहत रखने वालों का खुले दिल से स्वागत होगा, खुले हाथ से मदद होगी। नीति के तहत हर संभव मदद की जायेगी। इससे हमारे दक्ष युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उद्यमियों के लिए भी यह बड़ा अवसर होगा। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अनुसार राज्य सरकार उद्यमियों को हर संभव मदद करेगी, उनके लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया है। उद्योग सचिव पूजा सिंघ के अनुसार नई नीति के तहत उद्योगपतियों को अधिकतम इंसेंटिव उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
जानकारी के अनुसार नई नीति में टेक्सटाइल एंड एपरल्स, ऑटोमोबाइल, ऑटो-कंपोनेंट एंड इलेक्ट्रिक व्हिकल्स, फूड एंड मीट प्रोसेसिंग, फार्मा, इलेक्ट्रानिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग, टूरिज्म, हेल्थ, आईटी, रिनुएबुल एनर्जी, डिस्टीलरीज, एडुकेशनल एंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट तथा एमएसएमई के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं दिखाई गई हैं। इन प्रक्षेत्रों में व्यापक राहत-छूट के प्रावधान किये गये हैं ताकि निवेश की इच्छा रखने वाले लोगों को आकर्षित किया जा सके। इसके तहत एसजीएसटी में नौ साल तक सौ प्रतिशत तक छूट, बड़े उद्योगों को पुन: 12 साल तक 75 प्रतिशत तक छूट। 25 करोड़ रुपये तक समेकित अनुदान और विभिन्नत तरह के राहत का प्रावधान किया गया है।