चार महीने बाद बुनियादी क्षेत्र में बढ़ोतरी, उत्पादन 1.3 फीसदी बढ़ा, आम बजट से पहले राहत
कोर सेक्टर के उत्पादन में चार महीने तक गिरावट आने के बाद दिसंबर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिसंबर में कोर सेक्टर की वृद्धि दर 1.3 फीसदी रही जबकि पिछले नवंबर में इसमें 0.6 फीसदी की गिरावट आई थी। कोयला, उर्वरक और रिफाइनरी क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज होने से कोर सेक्टर का आंकड़ा पॉजिटिव जोन में आ गया।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती खत्म होने के संकेत
कोर सेक्टर के उत्पादन में वृद्धि दर्ज होने से संकेत मिलने लगे है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खत्म हो चुका है। केंद्रीय बजट से ठीक एक दिन पहले आई यह खबर सरकार के लिए राहत देने वाली है। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्ती के लंबे दौर में फंसने की आशंका भी खत्म होती नजर आ रही है।
इन क्षेत्रों में दिखाई की उत्पादन वृद्धि
कोर सेक्टर में वृद्धि दर्ज होने के बावजूद यह आंकड़ा पिछले साल के दिसंबर से पीछे है। दिसबर 2018 में कोर सेक्टर की वृद्धि दर 2.1 फीसदी रही थी। नेचुरल गैस, बिजली और क्रूड ऑयल में गिरावट रही है। जबकि कोयला, रिफाइनरी और उर्वरक क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई। स्टील और सीमेंट क्षेत्र में वृद्धि दर घटकर क्रमशः 1.9 फीसदी और 5.5 फीसदी रह गई।
तीन तिमाहियों में वृद्धि दर 0.2 फीसदी ज्यादा
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक कोर सेक्टर की वृद्धि दर 4.8 फीसदी रही जो पिछले साल की समान अवधि की वृद्धि दर से 0.2 फीसदी ज्यादा है। कोर सेक्टर में नवंबर तक चार महीनों में गिरावट दर्ज की गई थी।